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________________ है। इससे रक्तचाप बढ़ता है, नाड़ियां संकुचित होती हैं। जब रक्त अधिक सक्रिय और तापयुक्त हो जाता है तब उसे सामन्य बनाने के लिए इस रंग का उपयोग किया जाता है। यह नाड़ी-संस्थान की उत्तेजना को कम करता है। भावनात्मक स्थितियों में यह हरे रंग से अधिक लाभदायक होता है। यह ध्यान और आध्यात्मिक विकास का सूचक वर्ण है। यह मन को शान्त करता है, विशुद्धि चक्र को सक्रिय करता है। यह व्यक्ति को स्वार्थीपन से दूर हटाकर सामाजिक बनाता है और उसे पारिपाश्विक वातावरण के अनुकूल बनाता है। दस मिनट तक नीले रंग की तरंगों से व्यक्ति थकान महसूस करने लगता है। नीले कपड़े और नीले फर्नीचर व्यक्ति को थकान की अनुभूति कराते हैं। यदि इसके साथ दूसरे रंगों का मिश्रण हो तो कोई आपत्ति नहीं होती। यह सत्य, समर्पण, शांति और प्रामाणिकता तथा आन्तरिक ज्ञान और प्रतिभा ज्ञान का सूचक वर्ण है। जामुनी रंग (Indigo) यह वर्ण थाइराइड ग्लैण्ड को निष्क्रिय बनाकर पेराथाइराइड ग्लॉण्ड को सक्रिय करता है। यह मांसपेशियों की शक्ति को बढ़ाता है, रक्त को शुद्ध करता है और श्वास-उच्छ्वास को मन्द करता है। रोगी किसी रंगीन चश्मे से जामुनी रंग की ओर एकटक देखता है और सजग रहते हुए अपने शारीरिक अवयव के दर्द के प्रति शून्य हो जाता है। यह जामुनी रंग उसकी चेतना को इतने ऊंचे प्रकम्पनों तक पहुंचा देता है कि उस स्थिति में उसे अपने शरीर का भी भान नहीं रहता। यह वर्ण सूक्ष्म शरीरों की आन्तरिक विद्युत् को तथा सहस्रार चक्र को नियंत्रित करता है। यह भौतिक, भावनात्मक तथा आध्यात्मिक स्तर पर दृष्टि, श्रवण और सुगंध की शक्ति को प्रभावित करता है। २४२ आभामंडल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003062
Book TitleAbhamandal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2004
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size11 MB
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