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हो। आज का आदमी अनेक प्रकार के ड्रग्स का प्रयोग करता है, क्योंकि वह चाहता है कि वह भय के तनाव से, चिंता और परिस्थितियों के तनाव से, आस-पास के वातावरण के तनाव से मुक्त हो जाए। उनको भुला दे। वे याद ही न आएं।
तनाव को मिटाने के लिए मदिरा पीना बुरी बात तो नहीं है। किन्तु बुरी बात तब बन जाती है जब उसको पीने की आदत स्नायुगत हो जाती है। एक बार मदिरा पी, दो बार पी और आदमी पीता ही गया। वह उसकी आदत हो गई। स्नायु अभ्यस्त हो गए। अब मदिरापन व्यसन बन गया। यह बुरा है।
___ अध्यात्म के उपाय भी तनाव मिटाने के लिए हैं। पर वे किसी भी स्थिति में बुरे नहीं बनते। अध्यात्म ने उदात्तीकरण की प्रक्रिया प्रस्तुत की। यह मार्ग निरापद है। इसमें कोई दोष नहीं है।
एक गांव था। एक बार वहां रोग फैल गया। रोग को मिटाने के लिए अनेक मांत्रिक आये। एक मांत्रिक ने कहा- 'मेरे पास भूत है। वह सारा रोग मिटा देगा पर वह दीखने में बहुत भद्दा है, कुरूप है। यदि उसको देखकर किसी ने मखौल कर दी, कोई हंस गया तो वह सारे गांव को नष्ट कर देगा।'
दूसरे मांत्रिक ने कहा- 'मेरा भूत भद्दा है, किन्तु बहुत ही शांत है। कोई कुछ भी करे, वह किसी को कष्ट नहीं देता। वह सारे रोग को मिटाने में सक्षम है।'
राजा ने पहले मांत्रिक से कहा-'तुम चले आओ, तुम्हारा भूत खतरनाक है। रोग मिटाने की बात बाद में है, वह सारे गांव को ही नष्ट कर देगा। ऐसा भूत नहीं चाहिए। गांव में बच्चे भी हैं, बूढ़े भी हैं, स्त्रियां भी हैं। कोई भी उसकी कुरूप आकृति को देखकर हंस भी सकता है। उसकी हंसी सारे गांव की मौत बन जाएगी। ले जाओ अपने भूत को।'
राजा ने दूसरे मांत्रिक से कहा-'तुम इस गांव का रोग मिटाओ। भूत अच्छा है। यह उपाय निरापद है।'
तनाव मिटाने के दो उपाय हैं। एक उपाय है मदिरा सेवन का
१८० आभामंडल
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