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घुड़-दौड़
घुड़दौड़ मै तो, सगलाइ घोड़ा दौड़े। दौड़ जकां मै, के सगलाइ ओड़े-जोड़े ? कोइ बछेरियो, साहरै कर सरपट नीसरै, जद, बूढ़े को भी मन बढ़ ज्यावै,
जोस चढ़ ज्यावै, भलाइ कोइ चाल देख र हंस,
ताना कसै,
मुंह मचकोड़े, पण भाई! घुड़दौड़ मै तो सगलाइ घोड़ा दोड़ें।
६ आसीस
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