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ओ जिनावर है, आज तो मिनखां रोइ विश्वास कोनी रह्यो, इंजिनावर को के ?'
ठीक नहीं है ठाकरां!, बेजां ओ विश्वास । अन्त जिनावर जात रो, चम्पक के इकलास ॥ चम्पक के इकलास, क आछो नहि आसंगो। बिना अरथ कोई वगत, अचानक बधै अडंगो।। खतरनाक खुंखार नै, रखणो घणो नजीक । नीपीतां री प्रीत आ, नहीं ठाकरां! ठीक ॥
संस्मरण .. ३०९
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