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सरदारशहर
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चा० सं० अग्रगण्य नाम (दी० ऋ०) गांवठाणा सहयोगी मुनि १६१५ मुनिश्री हरखचंदजी (१४४) अटाट्या ४ १९१६ साध्वीश्री पन्नांजी (१२६) १९३२ , केशरजी (३१४) मांडा १६३३ अप्राप्त १९३४ मुनिश्री भोपजी (२१०) लोटोती ३ १९३५ साध्वीश्री नवलांजी 'छोटा' (२४०) पाली ७ १६३६ अप्राप्त १९३७ मुनिश्री कालूजी (१६३) रेलमगरा ५१
, साध्वीश्री नवलांजी (१८२) फलौदी ७ १९३८ , किस्तूरांजी (२२७) मांडा ७ १६३६ , , , १९४० मुनिश्री छजमलजी (१७५)
मांडा १९४१ आचार्यश्री मघवगणी बीदासर संत २० साध्वी-प्रमुखा गुलाबांजी
आदि ४०। १९४२ साध्वीश्री नवलांजो' (१८२) फलौदी १९४३ , , , १९४४ मुनिश्री कालूजी (१६३) रेलमगरा ४
, साध्वीश्री नवलांजी (१८२) फलौदी १९४५ आचार्यश्री मघवागणी बीदासर संत २६ साध्वी-प्रमुखा नवलांजी
आदि ५० । १९४६ साध्वीश्री नवलांजी (१८२) फलौदी १९४७ , , , , १६४८
" " १६४६ १९५० आचार्यश्री माणकगणी जयपुर संत २० साध्वी-प्रमुखा नवलांजी
आदि ३६ । १९५१ मुनिश्री कालूजी (१६३) रेलमगरा १. गणेशीलालजी (सूरवाल), छबीलजी (बगड़ी), कुशालजी (लसाणी), फौजमलजी
(मांडा)। २. साध्वीश्री इस वर्ष से सं० १९४६ तक वृद्धावस्था के कारण स्थिरवास रूप में रही।
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