________________
INSIDE
04
माता-पिता अपने लड़के से कहते हैं कि शराब मत पीओ, व्यसनों से दूर रहो, बुरे आचरण से बचो, बुरों की संगत मत करो। लड़का मानता है कि ये मेरे शत्रु है। जो कहता है कि चलो, नाइट-क्लब में चलें, शराब पीएं, नाचें, मौज करें, उसे मित्र मान लेता है। यह दृष्टि | का विपर्यास है।
ENDE
चार्य ने शिष्य को अनेकांत का दर्शन पढ़ाकर कहा, 'जाओ, अब दर्शन की यात्रा करो।
सब दर्शनों को पढ़ो, सबल विचारों को पढ़ो, जो दर्शन और विचार मिथ्या लगें, उनकी तालिका बनाकर मेरे पास लाओ।'
शिष्य ने दर्शन की यात्रा शुरू की। जितने दर्शन थे, सबको पढ़ा। दर्शन की यात्रा पूरी हुई। वह आचार्य के पास आया। आचार्य ने पूछा, 'क्या तुम्हारी दर्शन की यात्रा पूरी हो गई ?' शिष्य बोला, 'यात्रा को पूरी करने के बाद आपके चरणों में उपस्थित हुआ हूँ।' आचार्य ने मिथ्या दर्शन और विचारों की तालिका माँगी। शिष्य ने कहा, 'गुरुदेव! मेरे हाथ
Jain Education International
onal
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org