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________________ अपना दर्पणः अपना बिम्ब समवृत्ति श्वास प्रेक्षा का प्रयोग सामान्य प्रयोग नहीं है । उसकी प्रयोग विधि बहुत सामान्य है-'बाएं नथुने से श्वास लें और दाएं नथुने से श्वास निकालें फिर दाएं नथुने से श्वास लें और बाएं नथुने से श्वास निकालें' इस प्रकार श्वास की आवृत्तियां करते चले जाएं । यह प्रयोग इतना सा ही लगता है पर यह इतना ही नहीं है । यह बहुत रहस्यपूर्ण प्रयोग है । वैज्ञानिक खोजों का निष्कर्ष ____ आजकल स्वरचक्र और मस्तिष्क पर बहुत वैज्ञानिक अनुसंधान चल रहे हैं । वैज्ञानिक खोजों का निष्कर्ष है-जब बायां स्वर चलता है तो मस्तिष्क का दायां पटल सक्रिय हो जाता है और जब दायां स्वर चलताहै तब मस्तिष्क का बायां पटल सक्रिय हो जाता है । हमारे हाथ में कुछ सूत्र आ गए । यदि हमें बहुत शांत, शालीन और अनुशासन में रहना है तो बाएं स्वर को चलाएं। इससे दायां मस्तिष्कीय पटल सक्रिय होगा, हमारी मनोदशा बदल जाएगी, उत्तेजना शांत हो जाएगी, अपने आपको जानने की, आत्मनिरीक्षण की वृत्ति जागेगी । यह एक महत्त्वपूर्ण सूत्र है-दाएं मस्तिष्क को जगाने के लिए बाएं स्वर का प्रयोग करें । जब जब हम बाएं स्वर को चलाते हैं तब तब ऐसा लगता है-दिमाग बिलकुल शांत होता जा रहा है, वातानुकूलन जैसी स्थिति का अनुभव होता है । हमने इस सचाई का अनुभव किया है । दाएं स्वर को बंद कर बाएं स्वर को चलाया और उसका लम्बे समय तक अभ्यास किया तो ऐसा अनुभव हुआ - भीतर में बिल्कुल शान्ति हो गई है । जो लोग चंचल मन वाले हैं, तनाव और अशान्ति में रहते हैं, उनका दायां स्वर चलेगा तो तनाव बढ़ेगा । तनाव को मिटाना है तो दाएं स्वर को बंद कर बाएं स्वर को चलाएं। थोड़ी देर में तनाव अपने आप कम होता चला जाएगा। समस्या : समाधान प्रत्येक व्यक्ति समस्याग्रस्त है। आजकल विद्यार्थी भी समस्या बन रहा है। विद्यार्थी उदंड और अच्छृखल क्यों है? जिस विद्यार्थी का दायां मस्तिष्क सक्रिय नहीं है, वह बहुत उदंड और उच्छृखल होगा । बाएं स्वर को चलाना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003053
Book TitleApna Darpan Apna Bimb
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages258
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, Spiritual, & Discourse
File Size9 MB
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