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________________ दीर्घश्वास प्रेक्षा ६७ कषायों और वासनाओं-इन सब पर नियंत्रण हो जाएगा। नियंत्रण का सबसे पहला सूत्र है-श्वास । हम स्वयं अनुभव करें-जितना तेज गुस्सा आएगा उतनी ही श्वास की संख्या बढ़ती चली जाएगी। हम जितनी श्वास की संख्या को घटाएंगे, गुस्सा नियंत्रित होता चला जाएगा। हमारे संवेगों का नियंता है श्वास । सफलता का सूत्र श्वास का संबंध हमारे जीवन से है । केवल जीने से ही नहीं है, उसका बहुत गहरा संबंध हमारी भावनाओं से है । वैज्ञानिक जगत् में श्वास के बारे में काफी अनुसंधान हुए हैं। वैज्ञानिकों ने इस तथ्य का पता लगाया है कि हमारी भावनाओं और श्वास का परस्पर गहरा संबंध है । योग के पुराने आचार्यों ने इस सचाई को पहले ही उजागर कर दिया था कि श्वास और भावों का क्या संबंध है? जो पहले खोजा गया, विज्ञान ने उसकी पुष्टि कर दी। हमारे जीवन की सफलता का एक बहुत बड़ा सूत्र है-श्वास । एक आदमी को बहुत गुस्सा आता है । वह हर बात पर बार बार गुस्सा करता है। उसका पारिवारिक जीवन अच्छा होगा या बिगड़ेगा ? बेटे पर गुस्सा, बहू पर गुस्सा, पत्नी पर गुस्सा, नौकरों पर गुस्सा । व्यक्ति सारे दिन तिलमिलाए रहता है, भृकुटि तनी रहती है । अनेक लोग कहते हैं-गुस्से के कारण मैं दुःखी हूं, मेरा सारा परिवार दुःखी है । इस जटिल आदत पर नियंत्रण करना है । कैसे करेंगे? किसी डॉक्टर के पास कोई दवा नहीं है । मनःचिकित्सक के पास जाएं तो वह कुछ उपाय सुझाएगा । होमियोपैथी डाक्टर भी कोई दवा सुझा सकता है, पर दवा से गुस्सा शांत हुआ हो, ऐसे किस्से बहुत कम सुनने में आए हैं। यह प्रमाणित तथ्य है-श्वास को जान लेने से, श्वास पर नियंत्रण कर लेने से गुस्सा शांत होता है । ऐसी सैकड़ों सैकड़ों घटनाएं हमारे सामने हैं। जिस व्यक्ति ने श्वास का ठीक प्रयोग किया है, उसका कषाय कम हुआ है । गति श्वास की श्वास की सामान्य विधि यह मानी गई है-आदमी दो सैकेंड में श्वास Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003053
Book TitleApna Darpan Apna Bimb
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages258
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, Spiritual, & Discourse
File Size9 MB
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