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________________ • स्वाद - विजय १०. ध्यान, आसन और मौन ११. अनुकूल उपसर्गों के अंचल में १२. बिम्ब और प्रतिबिम्ब १३. प्रगति के संकेत १४. करुणा का अजस्र स्रोत १५. गंगा में नौका विहार १६. बंधन की मुक्ति: मुक्ति का अनुबंध • भेद - विज्ञान का ध्यान • तन्मूर्तियोग • पुरुषाकार आत्मा का ध्यान १७. कहीं वंदना और कहीं बंदी -विमोचन १८. नारी का बन्ध-1 १९. कैवल्य-लाभ २०. तीर्थ और तीर्थंकर २१. ज्ञान-गंगा का प्रवाह २२. संघ - व्यवस्था • दिनचर्या • वस्त्र • भोजन और विहार • पात्र • अभिवादन • सामुदायिकता • सेवा २३. सघातीत साधना २४. अतीत का सिंहावलोकन २५. तत्कालीन धर्म और धर्मनायक २६. नई स्थापनाएं: नई परम्पराएं २७. क्रांति का सिंहनाद Jain Education International For Private & Personal Use Only ५०-५४ ५५-५७ ५८-६० ६१-६३ ६४-६५ ६६-६७ ६८-७१ ७२-७७ ७८-८७ ८८ ८९-९६ ९७-९८ ९९-१०६ १०७-१११ ११२ - ११७ ११८ - ११९ १२०-१२५ १२६-१५८ www.jainelibrary.org
SR No.003046
Book TitleShraman Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2003
Total Pages334
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size13 MB
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