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थोकडा संग्रह ।
(५) चौथे पहर के ३ भाग तक स्वाध्याय करे (६) चोथे भाग में उपकरणों का पडिलहण करे तथा पठाने की भूमि भी पडिलेहे; तत्पश्चात् (७) देवसी प्रतिक्रमण करे (६ आवश्यक करे )।
रात्रि कृत्य देवसी प्रति क्रमण करने के बाद प्रथम पहर में अम. ज्झाय टाल कर स्वाध्याय करे दूसरे पहर में धान करे. स्वाध्याय का अर्थ चिंतवे तत्पश्चात् निद्राआवे तो तीसरे पहर में सविध यत्ना पूर्वक संथारा संस्तरीकर स्वल्प निद्रा लेकर चोथ पहर की शुरूआत में उठे, निद्रा के दोष टालने के निमित काउसग्ग करे, पोन पहर तक स्वाध्याय सज्झाय करे. चोथे पहर में चोथे (अंतिम) भाग में रायसि प्रति. क्रमण करे पश्चात् गुरु वंदन करके पचखाण करे ।
.. ॥ इति साधु समाचारी सम्पूर्ण ।
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