________________
(४२०)
थोकडा संग्रह।
प्रतिपदा (११) प्रातः काल (१२) संध्या काल (१३) मध्याह्न काल (१४) मध्य रात्रि (१५) अग्नि प्रकट होवे वह समय, और (१६) आकाश में धूल चढ़े वह समय अर्थात् धूल से सूर्य का प्रकाश मंद होजावे तब अस्वाध्याय होती है।
॥ इति अस्वाध्याय सम्पूर्ण ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org