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(१६०)
थोकडा संग्रह।
तथा (आकर ) मिले अतः इन्हे सादि पारिणामिक कहते हैं।
६सान्निपातिक भाव-इस पर २६ भांङ्ग. दो संयोगी के दश, तीन संयोगी के दश, चार. संयोगा के पांच, पांच संयोगी का एक एवं २६ भांगे नीचे लिके यन्त्र समान जानना।
दो संयोगी के दश भांगे
मांगा औदयिक औपशमिक क्षायिक क्षायोपशमिक पारि.
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नवा भांगा सिद्ध को पाये
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