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१. साधुओं का आचार २. गृहस्थों का आचार - अहिंसा के बारे में -सत्य के बारे में
- अचौर्य के बारे में
- दुर्व्यसनरूप व्यवसाय
- परिग्रहपरिमाण के बारे में
- भोगोपभोगपरिमाण व्रत का सम्बन्ध
- अनर्थदण्ड : दुर्ध्यान
- अनर्थदण्ड : प्रमादचर्या
- सामायिक
षट्कर्म १. देवपूजा
२. गुरु की उपासना
३. स्वाध्याय
ध्यान
१. आर्त-ध्यान
२. रौद्र - ध्यान
दान
रात्रिभोजननिषेध भक्ष्याभक्ष्यविवेक
आरोग्य
व्यसनरूप निन्द्य कार्य
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४. संयम
५.
३.
४.
१. कल्याण के द्वार सबके लिये खुले हैं
२. देव-गुरु-धर्म
तप
- बाह्य तप
-आभ्यन्तर तप
धर्म- ध्यान
शुक्ल - ध्यान
तृतीय खण्ड : प्रकीर्णक
३. भगवान् की मूर्ति
४. जीवननिर्वाह के लिये हिंसा की तरतमता का विचार
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