________________
विषयानुक्रम
me
* * * *
विषय
प्रथम खण्ड : तत्त्वविचार उपक्रम जगत् क्या वस्तु है ? जिन और जैन शब्द की व्याख्या नव तत्त्वों के नाम १. जीव
५. पुण्य-पाप २. अजीव
६. आस्रव ३. पुद्गल
७. संवर ४. अस्तिकाय
८. बन्ध आठ कर्म १. ज्ञानावरण कर्म
५. आयुष्य कर्म २. दर्शनावरण कर्म
६. नाम ३. वेदनीय कर्म
७. गोत्र ४. मोहनीय कर्म
८. अन्तराय चतुर्विध बन्ध १. प्रकृतिबन्ध
३. अनुभाव बन्ध २. स्थिति बन्ध
४. प्रदेश बन्ध बन्ध के हेतु १. मिथ्यात्व
४. कषाय २. अविरति
५. योग ३. प्रमाद
* * * *
* * * * * * * * * * * * * * * * * * *
२३-२४
* *
*
*
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org