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सन्देशरासक - शब्दकोष
जाम २२३ यावत्
Vझलक झलक (गु.झळकवू) झंल. जामिणि १५५ यामिनी
कंति १३१, झलकंतिय १४० झलजालंधरि ६६, १२३ कदली
किय १०६, (जालझलकिअउ) जि २६ एव (गु.ज)
झलकंत १३२ (ज्वलत्) जिण= जि, जिणिवि १०१
झसुर १७९ नागवल्लीदल = ताम्बूल जिणण १२२ जयन
झाल° १२० ज्वाला (गु. झाळ) जिण्ण १६५ जीर्ण
'झालावलि १७० ज्वालावलि जिम ६१,१०३ यथा (गु. जेम) | V झिज्झक्षीय, झिज्झउ १६५, झिाइ जिह १६७ यासाम्
___ १५६, झिझंति १०३, झिझंत १६५ ।। जीय १५४ जीव
झीण° १७१, सीणय ५३ क्षीण, सूक्ष्म (गु. जीवजीव् , (गु. जीवb) जीवउ १०७,
झी]) जीवंतय ११४,
Vझुण = ध्वन् , झुणंतिय ५३ जीह १३२ जीता
'युणि १३४ ध्वनि जुय १८९ युग
Vझूर = V क्लिश (गु. सूरतुं) सूरत ९५, जुयल ५१ युगल
___ झुरंत १२३ जुयलय ५२ युगलक
Vझुल्ल = प्रेखोल (गु. झुलवू) झुलंति १३४ जुत्त २२२ युक्त जुन्न २१४ = जूर्ण, जीर्ण (गु. जूY) जुन्ह २६० ज्योत्स्ना
Vठा=स्था; ठाहि ३०, ठिय (हिय) ७५ जुवाण १७४ युवन् (गु. जुवान, जवान)
ठव स्थापय , वह २७, ठविय १३५ जेम २२३ यथा (गु. जेम)
ठाइ ४३ (गु. ठाम) [<#स्थामन् ] स्थाने Vजोय = पश्य (गु. जोb) जोयंतय ५४,
जोइवि १६९, जोयय (इ.)२५, | Vडज्झ= दय् (गु. दाझh) डझंति १५० जोइयय ९७
°डर १९३ [दर] भय (गु. डर) जोयण ६४ योजन
डसन ५० [दशन] दंत जोइक्ख १७६=ज्योतिष्क, दीप
झखड १९२ हुंडयालकनाम पवन, १३२
| ढंखर १९३ फल-पत्ररहित शुष्कप्राय वृक्ष ___ महावात (हिं. झंखड)
दुक्कय १८६ टुक (गु. दूकधू) लुकउ =
डुढौके = ढोकयामास प्राप्तः । Vझडशद् , झडइ १०६%झटति झाडि १९२ (झडी) निरन्तरवृष्टिः
ण-न शत्ति ८९ [झदम, इति>त्ति] झत्तिहिं | ण ७८, न ७७, न १५९ झटिति
| णं १८२ (१) न झंखर १३२ शुष्कतरु () (गु. झाँखर) °णं २९, १८२, नु वित झंपभाक्रमय, झंपवि १४८ (१)व्याप्य; णहु २०६, २२२ न खलु (२) भाक्रम्य
'नयण ६४ नयन झंपाच्छाद् , झंपंती २९, झंपियय १२२ णयर ४१ नगर Vझरक्षर, सरंत १२२ (गु. झरb) णकंत १०४ [१] नक्रान्त = नासिकान्त झल १३.७ मला मृगतृष्णा
[२] नतान्त रात्रिप्रान्त
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