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पद्य ५५-६२ ]
सन्देश रासक
किंकिलि कुंज कुंकुम' कवोल,
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सुरयार सरल सल्लइ सलोल ।
वायं निंब निंबू चिनार,
सिमि साथ सरल सिय देवदार ॥ ५९ ॥ [ पडी ।]
सूड' एल लंबिय' लवंग',
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कणयार कर कुरबय" खतंग |
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अंबिलिय" कयंब बिभीय चोय *
रत्तंजण जंबुय गुरु असोय ॥ ६० ॥
जंबीर" सुहंजण" नायरंग,
बिज्जउरिय" अयरुय" पीयरंग ।
नंदण जिम" सोहइ" रत्तसाल", जिह पल्लव दीस " जणु पवाल" ॥ ६१ ॥
आरिट्टिय" दमणय" गिद्द चीड,
जिह" आलइ दीसइ सउणि " भीड । खज्जूरि" बेरि" भाहण" सयाई, बोहेय" डवण" तुलसीयलाई ॥ ६२ ॥
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२५
A नायब 4 A
निंबू अ ।
1A कुंजम; C कुंकम । 2B सल 5 A ल्हेसूड; B लेसूडिय । 6 C लंबय | 7 B एल लवंग चंग । 8B कणयर । 9 B करीर; C कलिय । 10 A कुरबइ; B कुरुवइ । 11 A अंबिलीक; B अंबिलीययक° । 12 B चूय । 13 A जंभीर । 14 C सुहिंजण | 15 A बिजउरी अइरुई । 16 C बिज्जउरीय आरू । 17 A वण । 18 A सोहइहि; C सोहहि । 19 साल 20 A दिहि | 21 A पवालु । 22 A आरीठय; C आरद्विय । 23 B दमण: C दवण । 24 B जिहि । 25 A C सउण । 26 C खज्जूर। 27 B बोरि | 28 A भाहुणि; B भाह | 29 B वाहेय । 30 C डुवण; B डुवणु । सं० ४
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