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संशयितश्लोकाः। दुर्वारस्मरबाणपन्नगविषव्यासङ्गमुग्धो जनः
शेषः कामविडम्बितो हि विषयान् भोक्तुं न मोक्तुं क्षमः॥२२४॥ एतत् कामफलं लोके यद् द्वयोरेकचित्तता। अन्यचित्तकृते कामे शवयोरिव संगमः ॥ २२५ ॥ कदार्थतस्यापि हि धैर्यवृत्तेन शक्यते धैर्यगुणः प्रमाष्टुंम् । अधोमुखस्यापि कृतस्य वह्वेर्नाधः शिखा याति कदाचिदेव ॥ २२६ ॥ कदा वाराणस्याममरतटिनीरोधसि वसन्
वसानः कौपीनं शिरसि निदधानोऽञ्जलिपुटम् ।
(for जिनो वि.). F1 -वनिता- (for -ललना-). G -संगोस्ति; M4.5 -संगोपि (for -सङ्गो न). D यस्यात्परः; F2 यस्मात्पुरः; P Ji.at Gi-3 यस्यापरः; J20 Y Ms यस्याः परः (M3°२); Y1 तस्यापरः; G M1. यःसोपरः (for यस्मात्परः). F3 Ic Jit नीरागो जि(Jit ज)न एक एव भुवने (Jit जननो) संगो न यस्या(F3 °स्मात् )पर.. - ) F5 -पन्नगाधिका; I -घस्मरोरग- (for -बागपझग-). A Fsx -व्यासक्त; Eo.1.5 F2 -व्यासक्ति; Y2.3.8 T G1.4 Ms. 5-व्याविद्ध(for -व्यासक-). A L1.5 Ys -मूढो; F3.it.v. -दग्धो; J1 -दग्धा; X -मध्यो; G1 M3 -बोधो Ga -मूर्तो; 43.5 -मुक्तो (for -मुग्धो). Fs Jit जनाः; Get जिनः. --4) Fs Jit शेषाः; Y3
ना- (for शेषः). B1 स्त्रीषु (for काम-). A2-विजंबितो; B1-विमोहितो; Es. 4 -विटंबितो: Fa.sx-विडबिनोःY1.4-0.8 T GM1-3 -विडंबितान: M4. -विडंबनान. DJ1 X Y2.7 [5]पि; E2 [s]स्ति; I J2 Y1. 3-6. 8 T GM न (for हि). Ji भोक्तं विमुक्त; X M. त्यक्तं न भोक्तं; 11 मोक्तुं न भोक्तुं. Fb Ji. At Gक्षमाः.
BIS. 1436 (3842) Bhartr. lith, ed. II. 1. 77. Schiefner and Weber p. 22. Subhash. 142; SM. 14633; SN. 4133; SSD. 4. f. Sa; SSV. 1446; SLP. 5. 13 (Bh.).
225 {3} Collated E F W[Also BU 349; Punjab 2885 8383; NS3 8103 (104, extra)]. - ") Eo(gloss). 3.4t स्त्रीपुंसोर् (for यद्वयोर). - 1) E1 संगमे (for संगमः). Es. अन्योन्यरागरहितः संगमः शवयोरिव.
BIS. 1444 (567) Bhartr. ed. Bohl, lith. ed. III. 1.29.
226* {N} Found in all versions; but belongs to no paddhati and apparently a later addition in w. - a) Eo W ; T27; T3 = (for ff). D धैर्यवृत्तैर Y3 M वृत्ते. -") A3 B (B2 orig.) Eat. st_F'I X Y1.3 G1-3 M1-4 धैर्यगुणं; C धैर्यगुणान्, J1 धैर्यगुण-; J2.3 सत्त्वगुणान. -') Y1 तनूनपातो;Y हुताशनस्य Gi कृशस्य वडे. x अधःकृतस्यापि तनूनपातो. -") Js om. न. B C D E F1-3 I JX Y1... TG1-3.6 M यांति. BEo.1.5Iकथंचिदेव.
____BIS. 1519 (501) Bhartr. ed. Bohl. 2.75. Haeb. 12. lith. ed. I. 104, II. 106. Galan 107. Pafic. ed. Orn. I. 62. Hit. ed. Schl. II. 66. ed. Johns. 67; Sp. 227 (Bh.); SRB. P. 77.8 (Bh., Bhadanta Asvaghosa etc.); SBH. 528 (Asvaghosa), 316 (anon.); SRH. 101.7 (Paiic.); SRK. p. 51.4 (Sp.); Tantrākhyāyika and Edgerton I. 31; Garudamahapurana 110. 163; SHV. f. 47a.343; SK.2.883; SU. 1448; SSD. 2. f. 99b; SSV.389%BJSV. 173.1.
227 {v} Found only in S (Y7 missing) [Also Punjab 2885 V 86 (87) ]. -") G5 मरतक-(for अमर-). M नीतीरनिवसन. -") Wic. 20.3G1 विदधानो; M3 विनिधाय. --- ) Catत्रिणयन. --") W X Y3.8 T13 [आक्रोशन.
भ. सु. १२
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