________________
भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे तेऽमी मानुषराक्षसाः परहित स्वार्थाय निघ्नन्ति ये
ये तु नन्ति निरर्थकं परहितं ते के न जानीमहे ॥ २२१ ।। एकैव काचिन् महतामवस्था सूक्ष्माणि वस्त्राण्यथ वा च कन्था । कराग्रलग्नाभिनवा च बाला गङ्गातरङ्गेष्वथ वाक्षमाला ॥ २२२ ॥ एको देवः केशवो वा शिवो वा एकं मित्रं भूपतिर्वा यतिर्वा । एको वासः पत्तने वा वने वा एका भार्या सुन्दरी वा दरी वा ॥२२३॥ एको रागिषु राजते प्रियतमादेहार्धहारी हरो
नीरागेषु जिनो विमुक्तललनासङ्गो न यस्मात् परः ।
स्वार्थानु (for स्वार्थावि). -- ") Y ते वै (for तेऽमी). Y: मानस-. Mi परधनं (for 'हितं). Est Fit.v. ये (Fi यैः) स्वार्थतो हन्यते.-") Y ते (for ये). Ji.2 W Gi. 2. 36.5 M निघ्नंति; T2 ते इति (for तुघ्नन्ति). B1 निरर्थकः; 3.5 रनर्थकं. A3 ये के न: J1.2 लोके न (for ते के न).
BIS. 1460 (576) Bhartr. ed. Bohl. 2. 66. Haeb. 47. lith, ed. II and Galan 75. lith, ed. III. 73. Satakāv. 84. Samskrtapāthopa. 47. Sublāslı. 309; VS. 348 (Bh.); SHV. f. 57a. 536 (ते तावत्कृतिनः Bh.) SKDr. under मध्यस्थः (Prificas); Sp. 465 (Bh.); SRB. p. 61. 266; SKM. 8. 33 (ते तावत्कृतिनः); SDK. 5. 68.3 (p.322, Bh. ते तावत्कृतिनः); SSD. 2. f. 128a; SSV.556 (ते ताव); SKGf. 17'a.
222 $ Collated ABDEF1 Also found in BU SI02; Jodhpur 1 $100; Jodhpur 3 897; BORI 329 349 (50); Punjab 2101 550 (52); NS2599pBVB5 51051. -") B1 एकेव. -") A सम्माणि [Ao com. सुष्माणि वस्त्राणि कहतां झीणा कपडा). A B2 °ण्यथ वापि, D°ण्यपि वा च. -") A3 नाविषया; Ba'मा युवतिशु. D रामा (for बाला).-) Eat 'प्वपि चाक्ष.
BIS. 1422 (555) Bhartr. in Schiefner and Weber, p. 23; SM. 1462; SSV. 1445%3 SLP.3.4.
223 NI Coilated D E F1-1J AdyarXXVIII-M-56 (N79); DVDS f. 3a. marg. order abdo. [Also found in F's N53; BORI 326 N52 and V99 (98); BORI 329 N55 (52); Punjab 2101 N53 (54); Jodhpur 1 N533;Jodhpur 3 N52 (53); ISM Kalamkar 195 N57 (58); Punjab 28858105 (100); Punjal) 697 N533; NS1 N53 (54); NSA N51.1. Order in Eo.5 adbe, in E2 and Adyar cdba, in E3 cilab, in Ji abde. -- ) Eo fatt (for farat). E2.3 at det fort मुक्तिदोवा. -°) F1.4 मिन्नं चैक; J1.3 ये को मिनं. - ) D पट्टणे; F2 पट्टने;JIAdyar पट्टणं; J2.3 पत्तनं. J Adyar वनं ( for वने). -- ") F1 भार्या चैका; 4 रामा चैका (for एका भार्या). F JAdyar वंशजा वा प्रिया वा (for सुन्द' etc.).
___DIS. 1425 (567). Bhartr.ed. Bohl. 3. 30. Hacb.2.53. lith. ed. II. 69%BSRB. p.172.814; SRH. 181. 61 (Mbh. Var.); Prabandhacintamani 4. 181-(Var.).
___ 224 {s, V} Om. in W and C (but C2 580). - ") Pi_m.v. राजिषु (for रागिषु). D G1 जायते; G1 M1.3 विश्रतः (for राजते). F-3 X Gs (origita
MI. °धारी; Fs lucuna; J1 °दायी (for "हारी).--") D यते; Es (by corr.) F1.2.4 (orig.) J X Y T GSM4 जनो वि.: F3 m.v. [अजितो वि-: F पुनर्वि- G1 M1-3.6 स एव
?, Jodhpur 1 N53
57 (58);
N53 (54) : NSS
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org