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वैराग्यश्लोकाः। विजानन्तोऽप्येते वयमिह विपज्जालजटिलान्
न मुश्चामः कामानह ह गहनो मोहमहिमा ॥ १६ ॥ फलमलमशनाय स्वादु पानाय तोयं
शयनमवनिपृष्ठं वल्कले वाससी च । लवधनमधुपानभ्रान्तसर्वेन्द्रियाणाम्
अविनयमनुमन्तुं नोत्सहे दुर्जनानाम् ॥ १६१ ॥ विपुलहृदयैर्धन्यैः कैश्चिज् जगज् जनितं पुरा
विधृतमपरैर्दत्तं चान्यैर्विजित्य तृणं यथा ।
(second in.v.) दहनं. ..--- ") G2. 3 न (for स). C विज्ञानाद, Eot.st [s]पि ज्ञानाद: Es []पज्ञानाद: Fam.v. [s]पि ज्ञात्वा. Ao.10.DHI Y3बिडिशयतमू: Bबिडिशगतम: F M1.5 बलिशत(Fit.v. वृत) Y: भडिशयुतम्: G1 M1. बळिशगतम्: M3 बळिशयुतम्. A3 C D Est. it F2. 3.5 J Wox Y1 M1. 2. 1.5 अनाति; Wt अनंति. -") F: [s]प्यते; W घेते. J8 वयमिव. F3 विषज्जाल- AX Y1 -जटिला; W -पटलान; T3 -जटिलो.
___BIS. 100(36) Bhartr.ed. Bohl. 3. 19. Haeb. and Galan 17. lith. ed. I. 18%B II. 203; p. 4156 (Bh.); SRB. 374. 214 (Bh.); SKM. 131. 73 (Gobhatta); SRK. p. 295.12%3 Santis.1.83; SU. 1034 (Bilhana); SM. 1445%; SN. 407; PMT. 289 (Bh.), SSD.4.1.7b; SSV.1430.
161 Om. in BU. 114/7. - 4) D Es.st विषमलम्: Eo. 2. 50 विशमलमू: E4 विसमलम् Ec बिशमलमू: J३ वनफलम्; Y: फळमुळम् : G1 M2 सिलमलमू. Y3 [अलंच (for स्वाद). A3 पानाय वारि; J1 पानीयतोयं. -") B C D Et F2-5 I J W X Y1-3 G1-8.5 M1- शयनमवनिपृष्ठे; Y1.8 T G+ 4. क्षितिरपि (Y7°धर-) शयनार्थ (M. S). BCD Es. FIJ W Y1-7G1-3 M वाससी वल्कले; Ec वाससे वल्कली; YT G4. 5 वाससे वल्कलं. Hit न: His. 30 नन (?); H2.3t तु (for च).-.) Aनिधवन, BEF HIJ WitxtY1.1-TG2- 1. नवधन-C FI. 1. 5 Wic. 80.4 Yधनलव-: D Xc धनमद-F. नधतल;Y: धननव-3 G M2.3 परधन: 1 वरधन-(for लवधन-found only in We.st.at) Lot -मधुपानां; Esc (also as in text) W Y2 मधुपानं. A-श्रांत- Eot भ्राति- Vt-भ्रामि Y8 -क्रांत- Gst -भ्राम्य (for -भ्रान्त-). -- ) सविनयम्; X Y1 (c.v. as in text)
BGst अपि नयम्. Cउपसतु; F2 अपनेतुं J1 अनुमंत्रं; J३ अनुमत्ये; W अनुमतु; x अनुगंतुं; Yic.v. G1 अभिनेतुं; G1 अभिमंतुं. D[5]पंडितानां (for दुर्जनानाम् ). .
_BIS. 4372 (1934) Bhartr. ed. Bohl. und Haeb. 3. 55. lith.ed. I. 46, II. 21. Galan 51; SSD.4.t. 9a.
162 Om. in D; BORI 328. Vi (henve probably a later addition). .") Fs मतिभिः (for -हृदयैर् ). Fs कैरप्येतज्; J अन्यैरेतज्; V Ye M3 ईशः (W4 शाः) कैचिज Ya Gat धन्यैः कश्चिज, Yi- धन्यैरेतज्; Y: T Cst. ईशैरेतज्; Mi. 5 एकैरेतज् (for धन्यैः कैश्चिज्). M जयितुं (for जनितं). -') J विवृतम्: Y: Get विजितम् (for विकृतम्). 13 चान्ये; G5 यान्धैर् (for चान्यैर् ). Y: विचिंत्य- Aot Eot तृणां; Est It X: M4.5 नृणां (for तृणं). Wat. पुरा (for यथा). - °) Y1 इह च; 17 इति हि; T2 अह हिGat इह वा. Fa भुवनानन्ये;J1 भुवनान्येव. नृपाश;X Y1.8 वीराश. -") It कति कति (for कतिपय-). Eo.5 -पुर:-; It -पुरं. G-स्वाम्यैः. C[ऽप्येषां (for पुंसां). F1 Wat. stuक एव;J एषः Wiमदनज्वर..
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