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भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे व्रजन्तः खातच्यादतुलपरितापाय मनसः
स्वयं त्यक्ता ह्येते शमसुखमनन्तं विदधति ॥ १५७ ॥ भिक्षाशनं तदपि नीरसमेकवारं
शय्या च भूः परिजनो निजदेहमात्रम् । वस्त्रं च जीर्णशतखण्डमयी च कन्था
हा हा तथापि विषया न परित्यजन्ति ॥ १५८ ॥ स्तनौ मांसग्रन्धी कनककलशावित्युपमितौ
मुखं श्लेष्मागारं तदपि च शशाङ्केन तुलितम् । स्रवन्मूत्रक्लिन्नं करिवरकरस्पर्धि जघनम्
अहो निन्द्यं रूपं कविजनविशेषैर्गुरु कृतम् ॥ १५९ ॥ अजानन् माहात्म्यं पतति शलभस् तीव्रदहने
स मीनोऽप्यज्ञानाद् बडिशयुतमश्नातु पिशितम् ।
BIS. 668 (243) Bhartr. ed. Bohl. 3. 13. Haeb, and Galan. 12. SRB. p. 368. 42 (Jayaditya); SBH. 3386 (Jayaditya); SDK. 5.62.5(p.318, Hari). Sāntis. 3.33BSS. 45.11; SM. 1444; SN. 308; SSD. 4.f.23a; SSV. 1429%BJSV. 239. 2.
158 Om. in GVS 2387 probably on a missing fol. in original. -4) Aot B Eo. He Xit भिक्षासन; Y भिक्षादशनं; Get भिक्षाटनं. -") J3 M4. मही (for च भूः).-") F1 H Y6.8 T1.2 G4.5 विशीर्ण- (for च जीर्ण-). B1 (m.v. as in text) FiH -पटखंड-, M4.5 शतरंध्र- (for -शतखण्ड-). C मयी हि; Jit W1.4 M4.5 °मलीन- (for 'मयी च). A कांथा; M2 कंधा. -") Jat तदापि. He W. X2 M. विषयान.
BIS. 4583 (2043) Bhartr. ed. Bohl. and Haeb. 3. 16. lith, ed. I and Galan 15. Subhash. 309%; SRB. p. 76.37; SDK. 5.57. 2 (p. 315, Bilhana, var.); SRH. 196. 21; SRK. p. 91.8 (Bh.); SS. 45. 1; SM. 1440%B SSSD. 4. f.7b; SSV. 1425%3; JS.417.
159 Wrongly om. in B2. BD F1IX M3-5 order bacd. -") Gi [उपमित. -°) F1.2X. (orig.) Gst M2-5 श्लेष्माकारं. B1 G2.3 om. च. -') B Eo... I Ji श्रवन- E-कटF2.3 J2.3 Y3-3 T G M -शिरः- (for -कर-). x°विसं तदपि च वरांगं निगदितं. -4) F1.3-5 Hit. I J W X Y1. 4-3 T GM मुहर;Y परं (for अहो). Bl
C D Es F2 Js W Yic Git.v. कविवर'; E3.4 कुकवि'; M कविनुत; M5 कविनुति'. A2 'निशेषेर् D जनैस्तद्; E3. I Y: 'विकल्पैर; Fm.. 'पिशाचैर; x Git.v. M1. 2.4.5 'वचोभिर. G1 उरु कृतं.
BIS. 7186 (3927) Bhartr. ed. Bohl. 3. 17. Haeb. 15. lith. ed. I and Galan 16. lith. ed. II. 19. Subhash.309; Sp. 4147 ( Bh.); SRB. p.371. 130%; SK.7.35; SU. 1031 (Bh.); PMT. 287 (Bh.); SSD. 4. f. 19b%
BSMV. 26. 3 (bacd). 160 Om. in Ujjain 6414. -.) Cxi महात्म्य: H I JY4-6.3 T G Ms-5 दाहात्म्यं; F2 अप्येषः Fs. 4m.v. दाहाति (for माहात्म्यं). B Eo.2.40.5 F1.2.4 H IeY: (by corr.).4-3 T GM पतत. Es. J2.3 G2.3 तत्र: Fa, am.v. दीप- (for तीव-). F4
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