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शृङ्गारश्लोकाः। वृत्तोरुस्तनकामिनीजनकृताश्लेषा गृहाभ्यन्तरे
ताम्बूलीदलपूगपूरितमुखा धन्याः सुखं शेरते ॥ १४४ ॥ केशानाकुलयन् दृशो मुकुलयन् वासो बलादाक्षिपन्
आतन्वन् पुलकोद्गमं प्रकटयन्नावेगकम्पं गतेः। वारं वारमुदारसीत्कृतिकृतो दन्तच्छदान् पीडयन्
प्रायः शैशिर एष संप्रति मरुत् कान्तासु कान्तायते ॥१४५॥ सदा योगाभ्यासव्यसनवशयोरात्ममनसोर्
अविच्छिन्ना मैत्री स्फुरति कृतिनस् तस्य किमिमैः।
BIS. 7417 (3359) Bharti ed. Bohl, and lith, ed. III. 1. 48. Haeb. 51. lith. ed. II. 98. Kavyas, 40; SRB.p. 346.31; SU.888%3 SLP. 5.35 (Bh.).
145* Com, this stanza. Y2 folio missing. Gs leaves blank space in MS. --4) Est कोशानाकुलयन्; Jit केशयांकुरयान; Jic केशानाकुरयन्; It W Y केशानाकलयन. Hi Fs. I दृशौ (for दृशो). YA (t and c) कुमुल (for मुकुल ). F4 वस्त्रं (for वासो). B बलादाच्छिदन P2.5 बलादक्षिपन्; F4 स्तनादाक्षिपन्. -- ") Jit गात्रन्वन् सर्वांगे (for आतन्वन). A3 पुलकोद्रमैः; X कोद्मान; Y3 कोहम; Gअलकोद्यम (for पुलकोदम). Eot. 1c Y3.7 प्रगटयनू. DY3 अं(Ys ए)गेषु कंपोदमं; Eo. 1.5 J2 आवेगकंपं गतौ; E स्तोकं प्रकंपंगते; Es.+ F1HI आवेगकंपंगते (but E1.4 coms.गते-गमने; Hi.s com.गते-गमनस्य). F3 कंपं गतः; Fs Ji कंपं गतैः; F5 अंगेषु कंपं गतैः; W आलिंग्य कंपं शनैः; X Y1.4-8 TG1.2.5
M आवेग(Y6 °श-3 Gष)कंपं शनैः; G+ आवेगतां कंपनैः (for आवेगकम्प गतेः). -") A0-2 EX शीत्कृतिकृतो; A3 E3. At I W1-3 शीत्कृतकृतो;D F1-3.5 H W Y3-3 Ti G+ M1-8
सीत्कृतकृतो (D कृते; F2 °वतो); Eo.1.5 °शीत्कृतमुखो; Eic सीत्कृतिमुखो; M4.5 °सीत्कृतिभृतो. A3 दंतच्छटान D दंतच्छदं. B पातयन्; M1.5 भिंद(M भिन्न )यन् (for पीडयन). --) JI प्रायं; Y: प्राग्यः (for प्रायः). Est शौशिर. DW एव (for एष). G1 मरुत्कांतः स कांतायते.
__BIS. 1915 (738) Bhartr. ed. Bohl. 1. 50. Haeb. 53. lith. ed. II. 99%; Sp. 3944; SRB. p. 348. 183; SBH. 1854; SKM. 64.8 (Bankalavartaka); SU. 821; Sabhyālankaraṇa f. 27a; SLP. 5. 36 (Bh.).
146 This stanza and the next occur at the beginning of Srngāra in N MSS. except A and therefore may be later additions. - ") Y3.6-8 T G1.4.6 M1-3 TEU (for सदा). E F3 I (t by corr.) योगाभ्यासे (for 'भ्यास-). EI (t by corr.) नवनववध(Esm.v. °प्रिया)संगमरसैः (E°मनसोर); J-व्यसनविषयोरात्ममनसोर;X-व्यसनवसिनो(X2 'तो)रात्म; Ya Mi. 2 व्यसनदशयोरात्म; Y6-3 TG1.8-5 Ms-5 -व्यसनकृशयोरात्म.-")
M3 अविच्छिन्नं. C सुधियामेभिर; V यमिनस्तस्य; X1 कृतनस्तस्य; Ga कृतकृत्यस्य; GH न कृतिस्तस्य (fo1 कृतिनस्तस्य). C अथ किं; D E2. 4 (orig.) F1. 2.5 IS किमु तैः (Wat. 3.* ते); Fat.v. सुकृतैः (for किमिमैः). - ) Gst क्रियाणाम्; Ms प्रियानाम-. B आलोपैर; F3 आत्वापैर (for आलापैर). Es. I X अधरमधुरैर्. B वक्त्रकमलैः; स्वादुनिवहै; D E F HI (t by corr.) JS वक्त्रविधुभिः (Wit.it निधुभिः; Wic °विधिभिः; Y1 चातिमधुरैः); Eo-2. Sc. Sc. वक्त्रमधुरैः (for 'मधुभिः [found only in A Eit It orig.]). -") F1.2.4J.
८ भ.सु.
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