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शृङ्गारश्लोकाः। वाचामगोचरचरित्रपवित्रिताय
तस्मै नमो भगवते मकरध्वजाय ॥ ११२ ॥ स्त्रीमुद्रां झषकेतनस्य जयनी सर्वार्थसंपत्करी
ये मूढाः प्रविहाय यान्ति कुधियो मिथ्याफलान्वेषिणः । ते तेनैव निहत्य निर्दयतरं नग्नीकृता मुण्डिताः
केचित् पञ्चशिखीकृताश् च जटिलाः कापालिकाश् चापरे११३ विस्तारितं मकरकेतनधीवरेण
स्त्रीसंज्ञितं बडिशमत्र भवाम्बुराशौ ।
क्षणानां; X हरिणेक्षणीनां - ") Y येनाभयंत. As B Eo. 1. २८. 3-5 F4.5 H W X1. 20 YIM... ग्रहकर्मदासाः; ग्रहकुंभदास्ये; T. वासा.-)F1. J2 -पवित्र; M4, 5-विचित्र- (for '-चरित्र). F1.2 -चरित्रभाजे; F -पवित्रकाय; J2M. -चरित्रकाय; W X Y1. T-विचित्रिताय (for-पवित्रिताय).--4) B1 मदनेश्वराय; BAC Eat F3-5 JW Y2.8 M4.5 कुसुमायुधाय (tor मकरध्वजाय).
___ BIS. 6408 (2957) Bhartr. ed. Bohl. and Hueb. 1. 1. Satakav. 61; SRB. p. 250. 12; SRK. p. 125. 1 (Bh.); SM. 1380 (Bh.); SSD. 1. . 19a; SSV. 1365 (Bh.); SLP. 4. 95 (Bh.).
113 In Y2, this stanza lost on missing folio. -") X2 HET; Y3 FEET:. Eo-3.1(orig. as in text). मकरध्वजस्य; Est JS (except W Y83 Ya missing) कुसुमायुधस्य (for झषकेतनस्य). A D E H1 परमां ( E orig. नृपतेः); B1 F1. I विकसत्B विषये; CF विवृतां; F3 विषयां; F Wat. st.4t विलसत् H2 वसतिं;J विकटां; W1. 20. se.4c Yo G1 M2 जननीं; X Y1. 5.7.8 T G2-5 Mi. 3-5 जयिनीं; Y३ जयनी (for जयनी found in X Y only) [Y1 com, जयत्यनया जयनी तां कामजये साधनभूतां । करणे ल्युर।] A निर्वाण- (for सर्वार्थ-). - ") Esc ते मूढाः ; D एतां ये; H एनां ये (for ये मूढाः). Xit सहसा विधाय; Xie.2 Y1 (1m orig. as in text) सहसा विहाय; Get प्रविहाय यंति. Ys कुधिया. C मिथ्यावनांतषिणः; E स्वर्गादिलोभेच्छया; It मिथ्याबलान्वेषिणः; Wt मिथ्याकलान्वषिणः. - ") DH2 (before corr.) Y1 तत्तेनैव; Ys ये तेनैव; G4 एतेनैव (for ते तेनैव). F2 निहस्य; F. Gst विहत्य (for निहत्य). x निर्दयतया Gl निर्दयपरं. Gi रागीकृता (for नग्नी). D मुंद्रिताः (for मुण्डिताः). -4) Y: किंचित् (for केचित्). Cढुंछशिखाः; Wet पंचशिखा; Get पंचजटी-(for पञ्चशिखी-). Bit कुटिलाः (for जटिलाः).
BIS. 7610 (3305 ) Bhartr. ed. Bohl. 1. 64. Haeb. 67. lith, ed. II. 53. Pañc, ed. Koseg. IV. 36. ed. Bomb.34; Sp.3082 (Bh.); SRB.p.252.54 (Bh.); SKM.78. 19 (var.); Yaśastilakacampū of Somadeva (KM. 70, part II, p. 252); KāvyānuKisana of Vagbhata 1. (KM. 42, p. 11); SHV. app. II. f. 2b. 6 (10, Bh.); SN. 2.49; SILP. 4.97 (Bh.).
114 ) W+ विस्तारिता. -- ") A B C F4 Y3 स्त्रीसंज्ञक: D योषिन्मयं (for स्त्रीसंज्ञितं). Ao.10 B H I बिडिशम: Ait.2 Y3 विडिशम: Eot.s F W वडिशम्: Ta बरिशम्; Gl-3M बळिशम्. Y7 युवांबुराशै. -) Eo.1 (orig.).2.5 येनाविशत्तद्- E1 (by corr.) येनोच्चरत्तद; X येनानिशं तद्- Y येनात्तचित्तम् (for येनाचिरात्तदू). J अवरामिष- Y2 (m.v. as in text) अवरामिव; Y4.5 G4 M3 अधरामृत- C-लोलमत्स्य; Eot
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