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भर्तृहरिसुभाषितसंग्रहे विच्छिन्ने नितरामनङ्गकलहक्रीडात्रुटत्तन्तुकं मुक्ताजालमिव प्रयाति झटिति भ्रश्यदृशो दृश्यताम् ॥ ७ ॥
NĪTI (8-76) अज्ञः सुखमाराध्यः सुखतरमाराध्यते विशेषज्ञः। ज्ञानलवदुर्विदग्धं ब्रह्मापि नरं न रञ्जयति ॥ ८॥ प्रसह्य मणिमुद्धरेन् मकरवऋदंष्ट्राङ्कुरात्
समुद्रमपि संतरेत् प्रचलदुर्मिमालाकुलम् । भुजंगमपि कोपितं शिरसि पुष्पवद् धारयेन्
न तु प्रतिनिविष्टमूर्खजनचित्तमाराधयेत् ॥ ९॥
स्थिरमन- YoT G4 चिरमन- Y8 स्थिरतरं (for स्थिरमिव). Fस्फारे: JY2.4-8 T G3-5M -स्यूते (for स्फीते). - ) BEat छिन्नेस्मिन C विच्छिन्नं; Y संछिन्ने. F2 Wat Y1.3 []तितराम् (for नितराम). DJ X1 -तृटतंतुकं; Fs G1 MB -त्रु(Fs -तृ)टत्कंचुकं;
W2.3 -त्रुट्यत्तंतुक; Y2 -महत्कंतुकं% Y+ M2 -त्रुटत्कंदुकं; G2.5 -त्रुटतंतुके; G+ -त्रुटरकंतुक (for -त्रुटत्तन्तुक). -4) Xat मुक्ताज्वालम्, G1 मुक्ताहारम्. G2 प्रयांति. ER I शटति; E5 त्रुटिति; F2 झडति; F5 भ्रकुटि, J1 झडिति; Y2 सततं; Y: सकलं (for झटिति). B E3 H1 भ्रस्यहिशो Cश्राम्यन्नवं; D Eo.1.4 F1-4 H I J1W Y3-8.8 TG2(by corr.).3-5 भ्रश्यद्दिशो (Wat. st °हस्यो); E2 भ्रस्यद्दशो; F5 भ्रश्यशा; Y: भ्रश्यन्दशौ; Y7 भ्रंशावृथा (for भ्रश्यद्दशो). A0.1 Yic [s]दृश्यता; C यौवन; 1 दृश्यते; Y1 भ्रश्यता; T3 विश्वसा (for दृश्यताम्). [The correct rending may be अदृश्यताम् as in Ao.1 Yic.].
BIS. 6495 (3003) Bhartr. ed. Bohl. 1. 95. Haeb. 98. lith. ed. II. 2. Kavyas. 97; SSD. 2. f. 1203; SLP. 4.52 (Bh.).
8 Ao E3 fol. missing. - ) Yसुखतरम् (for सुखम् ). M4.5 अवबोध्यः (for आराध्यः). -") M4.5 अवबोध्यते (for आराध्यते).-d) BY D F2. 3. FW (Wi orig.)X तं नरं; Y1 (c.v. as in text) [ए] तं नरं (for नरं). M4.5 बोधयति (for रख ).
BIS. 105 (39) Bhartr. ed. Bohl. lith. ed. II and Galan 2. 3. Haeb 2. Hit. ed. Schl. IV. 99. ed. Johns 104. Subhash. 302; Sp. 208 (Bh.); SRB. p. 40. 25 (Bh); SBH. 393 (Bh.); SRH.29.23 (Bh.); SRK. p.3.1.1 (Bh.). SA. 33.23 SHV. f. 36a (Bh.); SN. 695; SSD. 2. f. 1321; SSV.759.
9 Ao Es fol. missing. Om. in J2. 3. Combined with no. 319 लभेत सिकतास in Rana Pratap's metrical translation. - M) Cघोरदंष्ट्रांकरात: Y T1.2 GM1-4
वक्रदंष्ट्रांतरातू (YIA and printed ed. ष्ट्रालयातू). -- ") J1 संचरेत्; Y4.5 Tic.v. लंघयेत् (for संतरेत् ). A B H I Y3 प्रसरद-; W2.3 प्रचरद-; Wप्रचुरद- (t.v. चपलम्) (for प्रचलद्-). [प्रचरद्- may be the original reading]. F3 मालाकुलान्. - ") Ei पुप्फवद् M5 पुष्पमिव (for पुष्पवद्). X धारयन् (for धारयेन्).
___BIS. 4283 (1876) Bhartr. ed. Bohl. Haeb. lith. ed. II and Galan 2. 4. lith ed. I. 3. Subhash.3023 Sp.416 (Bh.); SRB. p. 40.56 (Bh.); SBH.446 (Bh.); SRK. p. 34.2(Bh.); SSD. 2. f. 131b.
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