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३६९] एकोनत्रिंश अध्ययन
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
सूत्र २४-(प्रश्न) भगवन् ! धर्मकथा से जीव को क्या प्राप्त होता है? (उत्तर) धर्मकथा (धर्मोपदेश) से जीव कर्मों की निर्जरा करता है तथा प्रवचन (शासन तथा सिद्धान्त) की प्रभावना करता है। प्रवचन-प्रभावना से जीव भविष्य में शुभफल प्रदान करने वाले कर्मों का बन्ध करता
Maxim 24. (Q). Bhagawan ! What does the soul achieve by religious discourse ?
(A). By religious discourse the soul annihilates the karmas and spreads the influence of religious order and dogmas. By spreading religion he binds the karmas which bestow good fruits in future.
सूत्र २५-सुयस्स आराहणयाए णं भन्ते ! जीवे किं जणयइ ? सुयस्स आराहणयाएणं अन्नाणं खवेइ, न य संकिलिस्सइ ॥ सूत्र २५-(प्रश्न) भगवन् ! श्रुत (सूत्र-सिद्धान्त) की आराधना से जीव को क्या उपलब्धि होती है ?
(उत्तर) श्रुत की आराधना-सम्यक् आसेवना से जीव अज्ञान (ज्ञान की न्यूनता अथवा मिथ्याज्ञान) का नाश (क्षय) करता है तथा संक्लेश नहीं पाता।
Maxim 25. (Q). Bhagawan ! What does the soul obtain by propiliating the sacred texts ?
(A). By propiliating the sacred texts the soul destroys the ignorance (lack of knowledge or wrong knowledge, and experiences no miseries.
सूत्र २६-एगागमणसंनिवेसणयाए णं भन्ते ! जीवे किं जणयइ ? एगग्गमणसंनिवेसणाए णं चित्तनिरोहं करेइ ॥
सूत्र २६-(प्रश्न) भगवन् ! मन को एकाग्रता में संनिवेश (स्थापित-स्थिर) करने से जीव क्या प्राप्त | करता है?
(उत्तर) मन को एकाग्रता में संनिवेश करने से चित्त (वृत्तियों) का निरोध करता है।
Maxim 26. (Q). Bhagawan ! What does the soul obtain by concentration of mind at one | object ?
(A). By concentration of mind at one object the soul checks up the activities of mind. सूत्र २७-संजमेणं भन्ते ! जीवे किं जणयइ ? संजमेणं अणण्हयत्तं जणयइ ॥ सूत्र २७-(प्रश्न) भगवन् ! संयम से जीव को क्या प्राप्त होता है ? (उत्तर) संयम (पालन करने) से जीव अनानवत्व (आते हुए नवीन कर्मों के निरोध) को प्राप्त करता है। Maxim 27. (Q). Bhagawan ! What does the soul acquire by restrain ? (A). By practising restrain the soul stops the inflow of new karmas. सूत्र २८-तवेणं भन्ते ! जीवे किं जणयइ ? तवेणं वोदाणं जणयइ ॥ सूत्र २८-(प्रश्न) भगवन् ! तप से जीव क्या प्राप्त करता है ? (उत्तर) तप से जीव (पूर्वसंचित कर्मों की निर्जरा करके) व्यवदान (विशुद्धि) को प्राप्त करता है।
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