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सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
षड्विंश अध्ययन [ ३२४
छबीसइमं अज्झयणं : सामायारी षड्विंश अध्ययन : सामाचारी
सामायारिं पवक्खामि सव्वदुक्खविमोक्खणिं । जं चरित्ताणं निग्गन्था, तिण्णा संसारसागरं ॥ १ ॥
मैं उस सामाचारी का कथन करता हूँ जो सभी दुःखों से मुक्त कराने वाली है और जिसका आचरण करके अनेक निर्ग्रन्थ संसार सागर को तैर गये हैं ॥१॥
I express correct system of behaviour (of a monk) which is the cause of freedom of all miseries and practising it innumerable knot-less monks crossed the ocean of world. (1)
पढमा आवस्सिया नाम, बिइया य निसीहिया । आपुच्छणा य तइया, चउत्थी पडिपुच्छणा ॥२॥ पंचमा छन्दणा नाम, इच्छाकारो य छट्टओ । सत्तमो मिच्छकारो य, तहक्कारो य अट्ठमो ॥३॥ अब्भुट्ठाणं नवमं, दसमा उवसंपदा । एसा दसंगा साहूणं, सामायारी पवेइया ॥४॥
दश सामाचारी
(१) आवश्यकी, (२) नैषेधिकी (३) आपृच्छना (४) प्रतिपृच्छना ॥२॥ ( ५ ) छन्दना (६) इच्छाकार (७) मिथ्याकार (८) तथाकार ॥ ३ ॥ ( ९ ) अभ्युत्थान (१०) उपसम्पदा ।
इस प्रकार यह दश अंगों वाली साधुओं की सामाचारी प्रतिपादित की गई है ॥४॥ TEN SAMĀCĀRĪ
(1) āvaśyaki (2) Naisedhiki (3) Āprcchanā (4) Pratipracchnā - (2)
(5) Chandanā (6) Icchākārā (7) Mithyākāra (8) Tathākāra - (3)
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(9) Abhyutthāna and (10) Upsampada-this ten-limbed correct system of behaviour has been prescribed for sages. (4)
गमणे आवस्सियं कुज्जा, ठाणे कुज्जा निसीहियं ।
आपुच्छणा सयंकरणे, परकरणे पडिपुच्छणा ॥५ ॥
(१) उपाश्रय अथवा अपने स्थान से बाहर निकलते-जाते समय 'आवस्सिय' का उच्चारण करना आवश्यकी सामाचारी है।
(२) उपाश्रय में प्रवेश करते समय 'निसीहियं' शब्द का उच्चारण करना नैषेधिकी सामाचारी है।
(३) अपने कार्य के लिए गुरु से आज्ञा लेना आपृच्छना सामाचारी है।
(४) दूसरों के कार्य के लिए गुरु
से आझा लेना प्रतिपृच्छना सामाचारी है ॥५॥
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