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सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
एकोनविंश अध्ययन [२३८
इडिंढ वित्तं च मित्ते य, पुत्त-दारं च नायओ ।
रेणुयं व पडे लग्गं, निद्धणित्ताण निग्गओ ॥१८॥ वस्त्र पर चिपकी हुई धूल के समान मृगापुत्र ने ऋद्धि, धन, मित्र, पुत्र, स्त्री और ज्ञातिजनों के प्रति ममत्व को झटक दिया-त्याग दिया और संयम यात्रा के लिए निकल गया ||८||
Mrgaputra renounced all his fortunes, prosperity, wealth, friends, sons, women (wives) and affection to kins, like the dust stick on a cloth and went out on his tour of restrain. (88)
पंचमहव्वयजुत्तो, पंचसमिओ तिगुत्तिगुत्तो य ।
सब्भिन्तर - बाहिरओ, तवोकम्मंसि उज्जुओ ||८९॥ अब वह पाँच महाव्रतों से युक्त, पाँच समितियों से समित, तीन गुप्तियों से गुप्त, बाह्य और आभ्यन्तर तपों में तत्पर-||८९॥
Now he became observer of five great vows, circumspect by five circumspections, latent with three (precautions) restraints, addicted to external and internal penances-(89)
निम्ममो निरहंकारो, निस्संगो चत्तगारवो ।
समो य सव्वभूएसु, तसेसु थावरेसु य ॥९०॥ ममत्व रहित, निरहंकारी, आसक्ति से दूर, सुख-साता-ऋद्धि-इन तीन प्रकार के गौरवों का त्यागी, त्रस और स्थावर-सभी जीवों के प्रति समत्व भाव रखने वाला-॥१०॥
Free from affection and egoism, without attachment, renouncer of three kinds of grandeurs (prides of tastiness, prosperity and joys), even-minded (stoic) towards all the movable and immovable beings-(90)
लाभालाभे सुहे दुक्खे, जीविए मरणे तहा ।
समो निन्दा-पसंसासु, तहा माणावमाणओ ॥९१॥ लाभ-अलाभ, सुख-दुःख, जीवन-मरण, निन्दा-प्रशंसा तथा मान-अपमान-इन सभी स्थितियों में रागद्वेष न करने वाला समभावी साधक-॥९१॥
Indifferent to success (gain लाभ) unsuccess (अलाभ-failure), pleasure and pain, life and death, blames and praises, respect and disrespect (insult)-(91)
गारवेसु कसाएसु, दण्ड-सल्ल-भएसु य।
__ नियत्तो हास-सोगाओ, अनियाणो अबन्धणो ॥९२॥ गौरवों-गर्वो-अभिमानों, चारों कषायों, तीन प्रकार के दण्ड, तीन तरह के शल्य और सप्त प्रकार के भयों से, हास्य और शोक से निवृत्त, निदान-काम-भोगों की इच्छा न करता हुआ, राग-द्वेष के बंधनों रहित-||९२॥ ___Free from prides, four type of passions (anger, pride, deceit and greed), three types of dandas (injurious activities of mind, speech and body), three types of spititual thoms (deceit, false belief, pleasure throughts), seven kinds of fear, feelings of joys and sorrows, volition
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