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१८३] षोडश अध्ययन
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
सोलसमं अज्झयणं : बम्भचेरसमाहिठाणं षोडश अध्ययन : ब्रह्मचर्य-समाधि स्थान
सूत्र १ - सुयं मे आउ ! तेणं भगवया एवमक्खायं -
इह खलु थेरेहिं भगवन्तेहिं दस बम्भचेरसमाहिठाणा पन्नत्ता, जे भिक्खू सोच्चा, निसम्म, संजमबहुले, संवरबहुले, समाहिबहुले, गुत्ते, गुत्तिन्दिए, गुत्तबम्भयारी सया अप्पमत्ते विहरेज्जा ।
सूत्र १ - ( सुधर्मा स्वामी) हे आयुष्मन् ! मैंने सुना है कि उन भगवान ने ऐसा कहा है
इस निर्ग्रन्थ प्रवचन में स्थविर भगवन्तों ने दस ब्रह्मचर्य समाधि के स्थान बताये हैं, जिन्हें सुनकर तथा जिनके अर्थ को समझकर भिक्षु संयम में, संवर में और समाधि में अधिकाधिक संपन्न होकर मन-वचनकाया का गोपन करे, इन्द्रियों को नियन्त्रित करे और गुप्त ब्रह्मचारी बनकर सदा अप्रमत्त होकर विचरण
करे ।
Maxim 1 - ( Sudharmā Swami) O long-lived (Jambu Swāmi) I have heard by my own ears that Bhagawana Mahāvīra has prescribed such
In this knotless preception the reverend old experienced sages told ten contemplation peace conditions of celibacy, by hearing and understanding them, the mendicant becoming more and more opulent in restrain, obstruction of inflow of karmas and contemplation, should make latent (गोपन- गुप्त ) all the restraints of mind-speech-body, control the senses and becoming latent celibate always move being non-negligent.
सूत्र २ - कयरे खलु ते थेरेहिं भगवन्तेहिं दस बम्भचेरसमाहिठाणा पन्नत्ता जे भिक्खू सोच्चा, निसम्म, संजमबहुले, संवरबहुले, समाहिबहुले, गुत्ते, गुत्तिन्दिए, गुत्तबंभयारी सया अप्पमत्ते विहरेज्जा |
सूत्र २-(जम्बूस्वामी) हे भगवन् ! स्थविर भगवन्तों ने ब्रह्मचर्य समाधि के वे कौन से दस स्थान बताये हैं, जिन्हें सुनकर, जिनका अर्थ निश्चय कर, भिक्षु संयम, संवर और समाधि का बार-बार अभ्यास करे, मन-वचन-काया का गोपन करे, इन्द्रियों को उनके विषयों में जाने से रोके, ब्रह्मचर्य को सुरक्षित रखे और अप्रमत्त होकर विचरण करे ।
Maxim 2 - (Jambū Swami) Reverend sir ! the old and experienced reverend sages ( स्थविर) told what ten contemplation peace conditions, by hearing which, determining their inherent meaning, mendicant should practise again and again restrain, check of inflow of karmas, contemplation, make latent mental, vocal and bodily activities, forbid the senses inclining their interesting objects, protect celibacy and move without negligence.
सूत्र ३ - इमे खलु ते धेरेहिं भगवन्तेहिं दस बंभचेरसमाहिठाणा पन्नत्ता, जे भिक्खू सोच्चा, निसम्म, संजमबहुले, संवरबहुले, समाहिबहुले, गुत्ते, गुत्तिन्दिए, गुत्तबंभयारी सया अप्पमत्ते विहरेज्जा |
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