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११३] एकादश अध्ययन
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
इक्कारसम अज्झयणं : बहुस्सुयपुज्जा एकादश अध्ययन : बहुश्रुत-पूजा
संजोगा विप्पमुक्कस्स, अणगारस्स भिक्खुणो ।
आयारं पाउकरिस्सामि, आणपुव्विं सुणेह मे ॥१॥ सभी संयोगों से विप्रमुक्त भिक्षाजीवी अनगार के आचार का मैं अनुक्रम से वर्णन करूँगा। उसे मुझसे सुनो ॥१॥
shall describe in due order the conduct of a quit-home mendicant, who has cut off all the worldly ties, listen to me. (1)
जे यावि होइ निव्विज्जे, थद्धे लुद्धे अणिग्गहे ।
अभिक्खणं उल्लवई, अविणीए अबहुस्सुए ॥२॥ जो विद्याहीन-ज्ञानहीन है अथवा विद्यावान होकर भी अहंकारी है, रसादि विषयों में लोलुप है, इन्द्रिय और मन का निग्रह नहीं करता, बार-बार असंबद्ध बोलता है और अविनीत है-वह अबहुश्रुत है ॥२॥ ___He who is ignorant of holy scriptures, or egoistic, indulged in pleasures of taste etc., greedy, has no self-control over senses and mind, talks irrelevant again and again and undisciplined, is ill-behaved and devoid of learning. (2)
अह पंचहिं ठाणेहिं, जेहिं सिक्खा न लब्भई ।
थम्भा कोहा पमाएणं, रोगेणाऽलस्सएण य ॥३॥ (१) अभिमान, (२) क्रोध, (३) प्रमाद, (४) रोग और (५) आलस्य-इन ५ कारणों से विद्या की प्राप्ति नहीं होती ॥३॥
(1) Pride, (2) anger (3) negligence (4) idleness and (5) illness-these five causes obstruct to obey the instructions which are helpful in learning. (3)
अह अट्ठहिं ठाणेहिं, सिक्खासीले त्ति वुच्चई ।
अहस्सिरे सया दन्ते, न य मम्ममुदाहरे ॥४॥ इन ८ कारणों से व्यक्ति शिक्षाशील कहा जाता है-(१) अमर्यादित हँसी-मजाक नहीं करना, (२) शान्त-दान्त रहना, (३) किसी का मर्म प्रकाशित नहीं करना ॥४॥ ___By eight factors a man (disciple) is called well-versed-(1) not to be fond of over-limit laughs and jokes (2) to be ever controlled (3) not to make fuss the secret of others. (4)
नासीले न विसीले, न सिया अइलोलुए । अकोहणे सच्चरए, सिक्खासीले ति वुच्चई ॥५॥
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