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________________ $$$$ $$$$$$$$$$$ $ 5555555555FFFFFFFFFFFFFFFFFFF听听听听 4 9. IQ.) Reverend Sir! What is the distance between one gate and the 卐 next one? (Ans.) Gautam ! The straight distance between a gate and the gate that follows is a little less than 79,052,5 yojan. जम्बूद्वीप में भरत क्षेत्र का स्थान और स्वरूप THE LOCATION AND DESCRIPTION OF BHARAT AREA IN JAMBUDVEEP १०. [प्र. ] कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे भरहे णामं वासे पण्णत्ते ? म [उ.] गोयमा ! चुल्लहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं, दाहिणलवणसमुदस्स उत्तरेणं, पुरथिमलवणसमुद्दस्स पच्चत्थिमेणं, पच्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरथिमेणं, एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे भरहे णामं ॐ वासे पण्णत्ते___खाणुबहुले, कंटकबहुले, विसमबहुले, दुग्गबहुले, पव्वयबहुले, पवायबहुले, उज्झरबहुले, णिझरबहुले, खड्डाबहुले, दरीबहुले, णईबहुले, दहबहुले, रुक्खबहुले, गुच्छबहुले, गम्मबहुले, लयाबहुले, वल्लीबहुले, अडवीबहुले, सावयबहुले, तणबहुले, तक्करबहुले, डिम्बबहुले, डमरबहुले, दुभिक्खबहुले, 卐 दुक्कालबहुले, पासंडबहुले, किवणबहुले, वणीमगबहुले, ईतिबहुले, मारिबहुले, कुवुट्ठिबहुले, अणावुट्ठिबहुले, रायबहुले, रोगबहुले, संकिलेसबहुले, अभिक्खणं अभिक्खणं संखोहबहुले। ___ पाईणपडीणायए, उदीणदाहिणवित्थिण्णे, उत्तरओ पलिअंकसंठाणसंठिए, दाहिणओ धणुपिट्ठसंठिए, 5 तिधा लवणसमुदं पुढे, गंगासिंधूहिं महाणईहिं वेअड्ढेण य पब्बएण छन्भागपविभत्ते, जंबुद्दीवदीवणउयसयभागे पंचछब्बीसे जोअणसए छच्च एगूणवीसइभाए जोअणस्स विक्खंभेणं। भरहस्स णं वासस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं वेअड्ढे णामं पव्वए पण्णत्ते, जे णं भरहं वासं दुहा विभयमाणे २ चिट्ठइ, तं जहा-दाहिणड्डभरहं च उत्तरड्डभरहं च। १०. [प्र. ] भगवन् ! जम्बूद्वीप नामक द्वीप में भरत नामक वर्ष-क्षेत्र कहाँ है ? __ [उ. ] गौतम ! चुल्लहिमवंत-(लघुहिमवंत) पर्वत के दक्षिण में, दक्षिणवर्ती लवण समुद्र के उत्तर में, पूर्ववर्ती लवण समुद्र के पश्चिम में, पश्चिमवर्ती लवण समुद्र के पूर्व में यह जम्बूद्वीपान्तर्वर्ती भरत क्षेत्र है। (चित्र देखें) (भरत क्षेत्र का सामान्य पर्यावरण) इसमें स्थाणुओं की-सूखे ढूंठों की, काँटों की-बेर, बबूल आदि काँटेदार वृक्षों की, ऊँची-नीची भूमि की, दुर्गम स्थानों की, पर्वतों की, प्रपातों की-(गिरने के ऐसे 5 # स्थानों की जहाँ से मरणेच्छु व्यक्ति झम्पापात करते हैं,) अवझरों की-जल-प्रपातों की, गड्ढों की, फ़ गुफाओं की, नदियों की, द्रहों की, वृक्षों की, गुच्छों की, गुल्मों की, लताओं की, विस्तीर्ण बेलों की, वनों : की, वनैले हिंसक पशुओं की, तृणों की, तस्करों की-चोरों की, डिम्बों की-स्वदेश में उत्पन्न विप्लवों की, # डमरों की-पर-शत्रुराजकृत उपद्रवों की, दुर्भिक्ष की, दुष्काल की-धान्य आदि की महँगाई की, पाखण्ड 卐 की-विविध मतवादी जनों द्वारा उत्थापित मिथ्यावादों की, कृपणों की, याचकों की, ईति की-फसलों ॥ | जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र Jambudweep Prajnapti Sutra B555555555)))))))))))))))5555555555555555555553 (10) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002911
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2006
Total Pages684
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_jambudwipapragnapti
File Size21 MB
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