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the business hall there is the holy book. There are Nanda lakes and the seats of worship. These seats are two yojan long, two yojan wide and one
yojan thick. 5 The origin, meritorious contemplation, coronation by Indra, things of
beauty in the beauty parlour, the inauguration of the text, the worship of Siddhayatan and the like, entry in Siddhayatan assembly hall
establishment of angelic families in various directions. Their grandeur, 4 prosperity and the like of Yamak deva may be understood in that order.
The distance between Neelavan mountain and Yamak mountains is the same as that of Yamak lakes from other lakes. जीलवान् व्रह NEELAVAN LAKE 4
१०६. [प्र. ] कहि णं भन्ते ! उत्तरकुराए णीलवन्तद्दहे णामं दहे पण्णत्ते ? ॐ [उ.] गोयमा ! जमगाणं दक्खिणिल्लाओ चरिमंताओ अट्ठसए चोत्तीसे चत्तारि अ सत्तभाए
जोअणस्स अबाहाए सीआए महाणईए बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं णीलवंतहहे णामं दहे पण्णत्ते। दाहिणउत्तरायए, पाईण-पडीणवित्थिण्णे। जहेव पउमद्दहे तहेव वण्णओ णेअब्बो, णाणत्तं-दोहिं पउमवरवेइआर्हि दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ते, णीलवन्ते णामं णागकुमारे देवे सेसं तं चेव णेअव्वं । ___णीलवन्तद्दहस्स पुव्वावरे पासे दस २ जोअणाई अबाहाए एत्थ णं वीसं कंचणगपव्वया पण्णत्ता, एगं जोयणसयं उद्धं उच्चत्तेणं
मूलंमि जोअणसयं, पण्णत्तरि जोअणाई मज्झमि। उवरितले कंचणगा, पण्णासं जोअणा हुंति॥१॥ मूलंमि तिण्णि सोले, सत्तत्तीसाइं दुणि ममंमि। अट्ठावण्णं च सयं, उवरितले परिरओ होइ॥२॥ पढमित्थ नीलवन्तो १, बितिओ उत्तरकुरु २, मुणेअव्वो।
चंदबहोत्थ तइओ ३, एरावय ४, मालवन्तो अ ५॥३॥ एवं वण्णओ अट्ठो पमाणं पलिओवमट्टिइआ देवा। १०६. [प्र. ] भगवन् ! उत्तरकुरु में नीलवान् नामक द्रह कहाँ पर है ?
[उ. ] गौतम ! यमक पर्वतों के दक्षिणी छोर से ८३४० योजन के अन्तराल पर सीता महानदी के म ठीक बीच में नीलवान् नामक द्रह है। वह दक्षिण-उत्तर लम्बा एवं पूर्व-पश्चिम चौड़ा है। जैसा पद्मद्रह
का वर्णन है, वैसा ही उसका है। केवल इतना अन्तर है-नीलवान् द्रह दो पद्मवरवेदिकाओं द्वारा तथा
दो वनखण्डों द्वारा परिवेष्टित है। वहाँ नीलवान् नामक नागकुमार देव निवास करता है। शेष वर्णन म पूर्वानुरूप है।
| चतुर्थ वक्षस्कार
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Fourth Chapter
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