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________________ 2 55 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 55 5 5 555 55555595555550 फ 5 卐 5 वह पूर्व-पश्चिम में लम्बा तथा उत्तर-दक्षिण में चौड़ा है, पलंग के आकार के समान है। वह पूर्वी तथा 5 पश्चिमी दोनों ओर से लवणसमुद्र का स्पर्श करता है। उसकी चौड़ाई ३३,६८४, योजन है। 卐 फ्र 卐 卐 卐 卐 卐 சுத்ததவி*********தமிழதததததி**********தமிழிழி 5 सौ धनुष ऊँचे होते हैं। उनका आयुष्य कम से कम अन्तर्मुहूर्त्त तथा अधिक से अधिक एक पूर्व कोटि का फ्र उसकी बाहा पूर्व-पश्चिम ३३,७६७९ योजन लम्बी है। उसके बीचोंबीच उसकी जीवा पूर्व-पश्चिम लम्बी है। वह पूर्वी तथा पश्चिमी दोनों ओर से लवणसमुद्र का स्पर्श करती है। वह एक लाख योजन लम्बी 卐 है। उसकी धनुपृष्ठ उत्तर-दक्षिण दोनों ओर परिधि की दृष्टि से कुछ अधिक १, ५८, ११३१६ योजन है । महाविदेह क्षेत्र के चार भाग हैं- (१) पूर्वविदेह, (२) पश्चिमविदेह, (३) देवकुरु, तथा (४) उत्तरकुरु । [प्र. ] भगवन् ! महाविदेह क्षेत्र का आकार, भाव, प्रत्यवतार किस प्रकार का है ? 卐 [ उ.] गौतम ! उसका भूमिभाग बहुत समतल एवं रमणीय है। वह नानाविध कृत्रिम बनाये हुए एवं अकृत्रिम - स्वाभाविक पंचरंगे रत्नों से, तृण वनस्पतियों से सुशोभित है। [प्र. ] भगवन् ! महाविदेह क्षेत्र में मनुष्यों का आकार, भाव, प्रत्यवतार किस प्रकार का है ? 5 फ [ उ. ] गौतम ! वहाँ के मनुष्य छह प्रकार के संहनन, छह प्रकार के संस्थान वाले होते हैं। वे पाँच होता है । अपना आयुष्य पूर्ण कर उनमें से कतिपय नरकगामी होते हैं, यावत् चारों गतियों में जाते हैं। कतिपय सिद्ध होते हैं, समग्र दुःखों का अन्त करते हैं। [प्र.] भगवन् ! उसे महाविदेह क्षेत्र क्यों कहा जाता है ? [उ. ] गौतम ! (१) भरत क्षेत्र, (२) ऐरवत क्षेत्र, (३) हैमवत क्षेत्र, (४) हैरण्यवत क्षेत्र, (५) हरिवर्ष क्षेत्र, तथा (६) रम्यक् क्षेत्र की अपेक्षा महाविदेह क्षेत्र लम्बाई, चौड़ाई, आकार एवं परिधि में अति विस्तीर्ण, अति विपुल, अति विशाल तथा अति वृहत् प्रमाणयुक्त है। महाविदेह-अति विशाल 5 located ? देहयुक्त मनुष्य उसमें निवास करते हैं। परम ऋद्धिशाली, एक पल्योपम आयुष्य वाला महाविदेह नामक 5 卐 देव उसमें निवास करता है। गौतम ! इस कारण वह महाविदेह क्षेत्र कहा जाता है। इसके अतिरिक्त गौतम ! महाविदेह नाम शाश्वत है, जो न कभी नष्ट हुआ है, न कभी नष्ट होगा। 102. [Q.] Reverend Sir ! In Jambu island where is Mahavideh region [Ans.] Gautam ! In Jambu island Mahavideh region is located in the 卐 south of Neelvan Varshadhar mountain and in the north of Nishadh Varshadhar mountain. It is in the west of eastern Lavan ocean and in the east of western Lavan ocean. Its length is in east-west direction and breadth is in nort-south direction. Its shape is like that of a bed. It touches Lavan ocean from both ends. Its width is 33,684 and four5 nineteenth yojan. फ्र 卐 5 卐 Its arm is 33,767 and seven- nineteenth yojan long in east-west 5 direction. Its yoke at the centre is in east-west direction in length. It (298) Jambuuveep Prajnapti Sutra जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र फफफफफफफफ फफफफफ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002911
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2006
Total Pages684
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_jambudwipapragnapti
File Size21 MB
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