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________________ ) ))) ) ) ) ) ) )) ) )) 855555555555555555555555555555 ॐ महाविदेह क्षेत्र का वर्णन DESCRIPTION OF MAHAVIDEH CONTINENT म १०२. [प्र. ] कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे महाविदेह णामं वासे पण्णत्ते ? ॐ [उ. ] गोयमा ! णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दक्खिणेणं, णिसहस्स वासहरपब्वयस्स उत्तरेणं, पुरथिमलवणसमुहस्स पच्चत्थिमेणं, पच्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरथिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे २ महाविदेहे णामं वासे पण्णत्ते। पाईणपडीणायए, उदीणदाहिणवित्थिण्णे, पलिअंकसंठाणसंठिए। दुहा लवणसमुदं पुढे पुढे पच्चत्थिमिल्लाए कोडीए पच्चत्थिमिल्लं (लवणसमुदं) पुढे, तित्तीसं जोअणसहस्साई छच्च चुलसीए , जोअणसए चत्तारि अ एगूणवीसइभाए जोअणस्स विक्खंभेणं ति। ___ तस्स बाहा पुरथिम पच्चत्थिमेणं तेत्तीसं जोअणसहस्साई सत्त य सत्तसढे जोअणसए सत्त य एगूणवीसइभाए जोअणस्स आयामेणंति। तस्स जीवा बहुमज्झदेसभाए पाईणपडीणायया। दुहा लवणसमुदं म पुट्ठा, पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं (लवणसमुदं) पुट्ठा एवं पच्चथिमिल्लाए पुट्ठा, एगं जोयणसयसहस्सं आयामेणं ति। तस्स धणुं उभओ पासिं उत्तरदाहिणेणं एगं जोअणसयसहस्सं अट्ठावण्णं ॐ जोअणसहस्साई एगं च तेरसुत्तरं जोअणसयं सोलस य एगूणवीसइभागे जोअणस्स किंचि विसेसाहिए परिक्खेवेणं ति। ___ महाविदेहे णं वासे चउविहे चउप्पडोआरे पण्णत्ते, तं जहा-१. पुबविदेहे, २. अवरविदेहे, ३. देवकुरा, ४. उत्तरकुरा। [प्र. ] महाविदेहस्स णं भंते ! वासस्स केरिसए आगारभावपडोआरे पण्णत्ते ? [उ. ] गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव। [प्र. ] महाविदेहे णं भंते ! वासे मणुआणं केरिसए आयारभावपडोआरे पण्णत्ते ? [उ. ] तेसि णं मणुआणं छब्बिहे संघयणे, छबिहे संठाणे, पंचधणुसयाई उद्धं च उच्चत्तेणं, जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुचकोडीआउअं पालेन्ति, पालेत्ता अप्पेगइआ णिरयगामी जाव अप्पेगइआ ॐ सिमंति, अंतं करेन्ति। [प्र. ] से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-महाविदेहे वासे २ ? [उ. ] गोयमा ! महाविदेहे णं वासे भरहेरवय-हेमवय-हेरण्णवय-हरिवास-रम्यगवासेहितो आयाम-विक्खंभ-संठाण-परिणाहेणं वित्थिण्णतराए चेव विपुलतराए चेव महंततराए चेव सुप्पमाणतराए चेव। महाविदेहा य इत्थ मणूसा परिवसंति, महाविदेहे अ इत्थ देवे महिडीए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ। से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-महाविदेहे वासे २। ___ अदुत्तरं च णं गोयमा ! महाविदेहस्स वासस्स सासए णामधेज्जे पण्णत्ते, जंण कयाइ णासि ३। १०२. [प्र. ] भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत महाविदेह नामक क्षेत्र कहाँ पर है? [उ. ] गौतम ! नीलवान् वर्षधर पर्वत के दक्षिण में, निषध वर्षधर पर्वत के उत्तर में, पूर्वी ऊ लवणसमुद्र के पश्चिम में, पश्चिमी लवणसमुद्र के पूर्व में जम्बूद्वीप के अन्तर्गत महाविदेह नामक क्षेत्र है। ) 55555555555 5555555听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听。 )) ) ))) )) )) ) ) 8555555555) | चतुर्थ वक्षस्कार (297) Fourth Chapter 05555555555555555555555555555555558 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002911
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2006
Total Pages684
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_jambudwipapragnapti
File Size21 MB
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