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| पुट्ठा। सत्ततीसं जोअणसहस्साई छच्च चउवत्तरे जोअणसए सोलस य एगूणवीसइभाए जोअणस्स किंचिविसेसूणे आयामेणं। तस्स धणुं दाहिणेणं अद्वतीसं जोअणसहस्साई सत्त य चताले जोअणसए दस य एगूणवीसइभाए जोअणस्स परिक्खेवेणं।
[प्र. ] हेमवयस्स णं भंते ! वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? [उ. ] गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, एवं तइयसमाणुभावो णेअव्वोत्ति।
९३. [प्र. ] भगवन् ! जम्बूद्वीप में हैमवत क्षेत्र कहाँ है ? _[उ. ] गौतम ! महाहिमवान् वर्षधर पर्वत के दक्षिण में, चुल्लहिमवान् वर्षधर पर्वत के उत्तर में, । पूर्वी लवणसमुद्र के पश्चिम में तथा पश्चिमी लवणसमुद्र के पूर्व में जम्बूद्वीप के अन्तर्गत हैमवत नामक
क्षेत्र कहा गया है। वह पूर्व-पश्चिम लम्बा तथा उत्तर-दक्षिण चौड़ा है, पलँग के आकार में अवस्थित है। i वह दो ओर से लवणसमुद्र का स्पर्श करता है। अपने पूर्वी किनारे से पूर्वी लवणसमुद्र का तथा पश्चिमी । किनारे से पश्चिमी लवणसमुद्र का स्पर्श करता है। वह २,१०५५ योजन चौड़ा है।
उसकी बाहा पूर्व-पश्चिम में ६,७५५३ योजन लम्बी है। उत्तर दिशा में उसकी जीवा पूर्व तथा पश्चिम दोनों ओर लवणसमुद्र को स्पर्श करती है। अपने पूर्वी किनारे से वह पूर्वी लवणसमुद्र को स्पर्श करती है, पश्चिमी किनारे से पश्चिमी लवणसमुद्र को स्पर्श करती है। उसकी लम्बाई कुछ कम । ३७,६७४१६ योजन है। दक्षिण में उसका धनुपृष्ठ परिधि की अपेक्षा से ३८,७४०१९ योजन है।। __[प्र.] भगवन् ! हैमवत क्षेत्र का आकार-स्वरूप, भाव-तदन्तर्गत पदार्थ, प्रत्यवतार-तत्सम्बद्ध i प्राकट्य-अवस्थिति कैसी है? __[उ. ] गौतम ! उसका भूमिभाग बहुत समतल एवं रमणीय है। उसका स्वरूप आदि तृतीय आरकसुषम-दुःषमा काल के सदृश है।
93. (Q.) Where is Haimavat region in Jambu continent ? i (Ans.] Gautam ! Haimavat region of Jambu continent is located in i the west of eastern salty ocean and in the east of western salty ocean. It is in the north of Chull Himavan Varshadhar mountain and in the south of Maha-Himavan Varshadhar mountain. Its length is in east-west direction and breadth is in north-south direction. It is in the shape of a bed. It touches salty ocean from two sides. Its eastern end touches the eastern salty ocean and western end touches the western salty ocean. It
is 2,105 yojan and five-nineteenth of a yojan wide. i Its edge in east-west direction is 6,755 yojan and three-nineteenth of
a yojan long. In the north its upper edge (Jiva) touches the salty ocean from both sides--the east and the west. Its eastern end touches the eastern salty ocean and its western end touches the western salty ocean. Its length is a little less than 37,674 yojan and sixteen-nineteenth of a चतुर्थ वक्षस्कार
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Fourth Chapter 1) )) )) ) ) ) ) )) ) ) ) )) ) ) ) ) ) ) ) ) )
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