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आसरयणे १ हत्थिरयणे २ एए णं दुवे पंचिंदिअरयणा वेअद्धगिरिपायमूले समुप्पण्णा ।
सुभद्दा इत्थीर उत्तरिल्लाए विज्जाहरसेढीए समुप्पण्णे ।
८५. राजा भरत के (१) चक्ररत्न, (२) दण्डरत्न, (३) असिरत्न, तथा (४) छत्ररत्न- ये चार एकेन्द्रिय रत्न आयुधगृहशाला में शस्त्रागार में उत्पन्न हुए ।
(१) चर्मरत्न, (२) मणिरत्न, (३) काकणीरत्न तथा नौ महानिधियाँ, श्रीगृह में - भाण्डागार में उत्पन्न हुए।
(१) सेनापतिरत्न, (२) गाथापतिरत्न, (३) वर्धकिरन, तथा (४) पुरोहितरत्न; ये चार मनुष्यरत्न, विनीता राजधानी में उत्पन्न हुए ।
(१) अश्वरत्न, तथा (२) हस्तिरत्न; ये दो पञ्चेन्द्रिय रत्न वैताढ्य पर्वत की तलहटी में उत्पन्न हुए ।
(१) सुभद्रा नामक स्त्रीरल उत्तर विद्याधर श्रेणी में उत्पन्न हुआ।
85. In the ordnance store of king Bharat four Ratnas namely — (1) the 5 divine wheel (Chakra Ratna ), ( 2 ) the divine rod (Dand Ratna ), ( 3 ) the 5 divine sword (Asi Ratna ), and (4) the divine umbrella (Chhatra Ratna) 5 which are one-sensed beings appeared.
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In the treasury, the three Ratnas namely – ( 1 ) Charma Ratna, 5 (2) Mani Ratna (the divine precious stone ), ( 3 ) the Kakani Ratna (the light producing divine article) and also the nine nidhis appeared. In the capital city Vinita – (1) Senapati Ratna (the army chief), 5 (2) Gathapati Ratna (the divine agriculturist ), ( 3 ) Vardhaki Ratna (the 5 divine architect-cum-builder ), and (4) Purohit Ratna (the divine advisor 5 to the king) were born.
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At the foot of Vaitadhya mountain, the two five-sensed Ratnas- 5 (1) the divine horse, and ( 2 ) the divine elephant were born.
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(1) Subhadra, the Stri Ratna (the head queen ) was born among Vidyadhars.
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भरत का राज्य-वैभव THE WEALTH OF KING BHARAT
८६. तएं णं से भरहे. राया चउदसण्हं रयणाणं णवण्हं महाणिहीणं सोलसण्हं देवसाहस्सीणं बत्तीसाए
रायसहस्साणं बत्तीसाए उडुकल्लाणिआसहस्साणं, बत्तीसाए जणवयकल्लाणिआसहस्साणं बत्तीस 5
बत्तीसइबद्धाणं णाडगसहस्साणं, तिन्हं सट्ठीणं सूवयरसयाणं, अट्ठारसण्हं सेणिप्पसेणीणं,
चउरासीइए 5
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फ आससयसहस्साणं, चउरासीइए दंतिसयसहस्साणं, चउरासीइए रहसयसहस्साणं, छण्णउइए 5
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मस्सकोडीणं, बावत्तरीए पुरवरसहस्साणं, बत्तीसाए जणवयसहस्साणं, छण्णउइए गामकोडीणं,
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5 णवणउइए दोणमुहसहस्साणं, अडयालीसाए पट्टणसहस्साणं, चउव्वीसाए कब्बडसहस्साणं, चउब्बीसाए फ
जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र
Jambudveep Prajnapti Sutra
(248)
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