________________
चित्र परिचय८
चक्रवर्ती भरत के सेनापति द्वारा
अरब-यवन द्वीपों पर विजय भरत चक्रवर्ती ने अपने सेनापति सुषेण को बुलाकर भरत क्षेत्र के खण्डों को विजय करने + का आदेश दिया। तब सेनापति सुषेण अपनी विशाल सेना के साथ सिन्धु महानदी को पार कर
ग्राम-नगर-पट्टन आदि जीतता हुआ सिंहल, बर्बर देश, यवन द्वीप, रोम और अरब देश पहुँचा है और वहाँ के सर्व देशों पर विजय प्राप्त की। अरब-यवन-रोम-सिंहल आदि देशों, पट्टनों, नगरों 卐 के राजा स्वर्ण अलंकार, रत्न- माणिक-मोती-पन्ना, सुन्दर रत्नों से सुसज्जित शस्त्र एवं अन्य 5 ॐ राजोचित वस्तुएँ लेकर सेनापति सुषेण के पास आये और घुटने टेककर समर्पण करते हुए म आदरपूर्वक सब वस्तुएँ भेंट कर राजा भरत का आधिपत्य स्वीकार किया। की सेनापति सुषेण सभी उपहार आदि लेकर सिन्धु नदी पार कर राजा भरत के पास आया और , उन्हें अपनी विजय यात्रा का सारा वृतांत सुनाया।
-वक्षस्कार ३, सूत्र ६८
VICTORY OVER ARAB YAVAN ISLANDS
BY CHAKRAVARTI BHARAT'S COMMANDER Bharat Chakravarti called his commander-in-chief Sushen and ordered him to conquer various sections of Bharat area. General Sushen crossed Sindhu river with his huge army and commenced his victorious march. One after another, he
conquered Simhal, Burbur country, Yavan island, Rome and Arab country as well 4 as all settlements on the way. The rulers of all these kingdoms and states brought
to general Sushen gifts of gold, jewellery, gems including ruby, pearls, and emeri alds as well as gem studded weapons and other presents suitable for royalty. They $ surrendered before him, humbly submitted these gifts and accepted the sovereignty of king Bharat.
Crossing Sindhu river general Sushen returned to king Bharat with all these 41 gifts and narrated the details of his conquest.
-Vakshaskar-3, Sutra-68
015)))))))))55555555555555555550
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org