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- तपोबली श्रमणी
२४. (ग) अप्पेगइया कणगावलितवोकम्म पडिवण्णा, एवं एगावलिं, खुड्डागसीहनिक्कीलियं तवोकम्मं पडिवण्णा, अप्पेगइया महालयं सीहनिक्कीलियं तवोकम्मर पडिवण्णा, भद्दपडिमं, महाभद्दपडिमं, सव्वओभद्दपडिमं, आयंबिलवद्धमाणं तवोकम्मं पडिवण्णा।
___ मासियं भिक्खुपडिमं एवं दोमासियं पडिमं, तिमासियं पडिमं जाव सत्तमासियं * भिक्खुपडिमं पडिवण्णा, पढमं सत्तराइंदियं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा जाव तच्चं o सत्तराइंदियभिक्खुपडिमं पडिवण्णा, अहोराइंदियं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा, एक्कराइंदियं में
भिक्खुपडिमं पडिवण्णा, सत्तसत्तमियं भिक्खुपडिमं, अट्टअट्ठमियं भिक्खुपडिमं, णवणवमियं भिक्खुपडिमं, दसदसमियं भिक्खुपडिमं, खुड्डिय मोयपडिमं पडिवण्णा, महल्लियं मोयपडिमं पडिवण्णा, जवमझं चंदपडिमं पडिवण्णा, वइरमझं चंदपडिमं पडिवण्णा संजमेण, तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति।
२४. (ग) कई श्रमण कनकावली तप करते थे, कई एकावली तप करते थे, कई लघुसिंहनिष्क्रीड़ित तप करने वाले थे तथा कई महासिंहनिष्क्रीड़ित तप करने में संलग्न थे। कई भद्रप्रतिमा, महाभद्रप्रतिमा, सर्वतोभद्रप्रतिमा तथा आयंबिल-वर्द्धमान तप करते थे। ___ कई एकमासिक भिक्षुप्रतिमा, इसी प्रकार द्वैमासिक भिक्षुप्रतिमा, यावत् सप्तमासिक भिक्षुप्रतिमा ग्रहण किये हुए थे। कई प्रथम सप्तराविन्दिवा-सात रात-दिन की भिक्षुप्रतिमा,
(कई द्वितीय सप्तरात्रिन्दिवा) तथा कई तृतीय सप्तरात्रिन्दिवा भिक्षुप्रतिमा के धारक थे। कई * एक रात-दिन की भिक्षुप्रतिमा ग्रहण किये हुए थे। कई सप्तसप्तमिका-सात-सात दिनों की
सात इकाइयों या सप्ताहों की भिक्षुप्रतिमा के धारक थे। कई अष्टअष्टमिका-आठ-आठ दिनों से की आठ इकाइयों की भिक्षुप्रतिमा के धारक थे। कई नवनवमिका-नौ-नौ दिनों की नौ इकाइयों की भिक्षुप्रतिमा के धारक थे। कई दशदशमिका-दश-दश दिनों की दश इकाइयों
की भिक्षुप्रतिमा के धारक थे। कई लघुमोकप्रतिमा (प्रस्रवण सम्बन्धी प्रतिमा) कई * महामोकप्रतिमा कई यवमध्यचन्द्रप्रतिमा तथा कई वज्रमध्यचन्द्रप्रतिमा के धारक थे।
SHRAMANS WITH WEALTH OF AUSTERITIES
24. (c) Many of these Shramans indulged in austerities like Kanakavali-tap, Ekavali-tap, Laghusimhanishkridit-tap and Mahasimhanishkridit-tap. Many others indulged in austerities like Bhadrapratima, Mahabhadrapratima, Sarvatobhadrapratima and Ayambil-vardhaman-tap.
औपपातिकसूत्र
(62)
Aupapatik Sutra
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