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एकभवावतारी श्रमण
300
301
सर्वकामादिविरत मनुष्यों का उपपात केवली-समुद्घात सम्बन्धी प्रश्नोत्तर
309 ३०२ .
302
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छद्मस्थ की जानने की क्षमता
३०२
303
केवली-समुद्घात का हेतु
३०६
306
३०७ ३०९
Shramans destined for
one reincarnation The Upapat of Sarvakamadivirat 301 Questions Regarding
Kevali-samudghat Capacity of a chhadmasth to
experience The purpose of Kevali
samudghat Nature of samudghat
307 Association during samudghat Post samudghat association Progress to perfection
314 Nature of Siddhas
318 Constitution and structure Abode of Siddhas Twelve names of
Ishatpragbhara Prithvi The infinite unending bliss Metaphoric expression of bliss 332
309
३११
312
समुद्घात का स्वरूप समुद्घात में योग प्रवत्ति
समुद्घात के पश्चात् योग-प्रवृत्ति 9 सिद्धावस्था प्राप्ति का क्रम सिद्धों का स्वरूप सिद्ध होते जीव के संहनन संस्थान आदि सिद्धों का परिवास ईषत्प्राग्भारा पृथ्वी के बारह नाम .
३१३
319
३१७ ३१९ ३२१ ३२४
GOAVAOnrote
सिद्धों के अनन्त अनुपम सुख दृष्टान्त द्वारा सुखों की उपमा
३३० ३३२
परिशिष्ट
Appendix
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MATOPRODARA
आगमों का अनध्यायकाल
३४३
(1) Inappropriate time for
study of Agams (2) Technical Terms
(18)
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