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३८. (ख) इस प्रकार का परस्पर वार्तालाप करते हुए बहुत से उग्रों-आरक्षक a अधिकारियों, उग्र-पुत्रों, भोगों-राजा के मन्त्रिमण्डल के सदस्यों, भोग-पुत्रों, राजन्यों-राजा * के परामर्शकमण्डल के सदस्यों, क्षत्रियों-क्षत्रिय वंश के राजकर्मचारियों, ब्राह्मणों, सुभटों, * योद्धाओं, युद्धोपजीवी सैनिकों, प्रशास्ताओं-प्रशासनाधिकारियों, मल्लकियों-मल्ल गणराज्य * के सदस्यों, लिच्छिवियों-लिच्छिवि गणराज्य के सदस्यों तथा अन्य अनेक राजाओंa माण्डलिक, नरपतियों, ईश्वरों-ऐश्वर्यशाली एवं प्रभावशील पुरुषों, तलवरों-राजसम्मानित
विशिष्ट नागरिकों, माडंबिकों-जागीरदारों या भूस्वामियों, कौटुम्बिकों-बड़े परिवारों के प्रमुखों, इभ्यों-वैभवशाली जनों, श्रेष्ठियों-अपनी सम्पत्ति और सुव्यवहार से प्रतिष्ठा-प्राप्त सेठों, सेनापतियों एवं सार्थवाहों, सार्थवाह-पुत्रों आदि अनेक लोगों ने प्रस्थान किया। PEOPLE OF VARIOUS CLASSES ___38. (b) Talking thus, throngs of people left for the garden outside or the city. These people included-security officers (ugra) and their sons (ugra-putra), members of the councils of ministers of the king out
(bhog) and their sons (bhog-putra), members of the advisory councils 8 of the king (rajanya), people of the warrior clans (Kshatriyas),..
Brahmins, soldiers (subhat), commissioned warriors (yoddha), administrative officers (prashasta), members of the Malla repub
(Mallaki), members of the Lichchhivi republic (Lichchhivi) and in their sons (Lichchhivi-putra), many regional kings (raja),
influential and rich persons (ishvar), knights of honour (talavar), 19 landlords (mandavik), heads of large families (kautumbik), affluent
people (ibhya), established merchants (shreshti), commanders (senapati), caravan chiefs (sarthavaha) and their sons (sarthavahaputra) etc. विविध हेतु
३८. (ग) अप्पेगइया वंदणवत्तियं, अप्पेगइया पूयणवत्तियं, एवं सक्कारवत्तियं, सम्माणवत्तियं, दंसणवत्तियं, कोऊहलवत्तियं, अप्पेगइया अट्टविणिच्छयहेउं अस्सुयाई सुणेस्सामो, सुयाई निस्संकियाई करिस्सामो, अप्पेगइया अट्ठाई हेऊई कारणाई वागरणाई पुच्छिस्सामो, अप्पेगइया सबओ समंता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्सामो, पंचाणुव्बइयं सत्तसिक्खावइयं दुवालसविहं गिहिधर्म पडिवज्जिस्सामो, अप्पेगइया जिणभत्तिरागेणं, अप्पेगइया जीयमेयंति कटु।
समवसरण अधिकार
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Samavasaran Adhikari
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