________________
चित्र परिचय-५ ।
Illustration No.5
भगवान की वन्दना करने चारों जाति के देवों का आगमन
भगवान महावीर जब चम्पा में विराजमान थे उस समय असुर कुमार जाति के देव वन्दना करने के लिए सेवा में उपस्थित हुए। काले नील मणि के समान दीप्तिमय उनका वर्ण था। कण्ठ, बाहु आदि पर हार आदि विविध प्रकार के आभूषण पहने थे। मुकुटों पर चूड़ामणि के विशेष चिन्ह अंकित थे। सभी ऋतुओं के फूलों की मालाएँ उनके घुटनों तक लटक रही थी। वे देव भक्ति पूर्वक भगवान को वन्दना करते हैं। उसी प्रकार नाग कुमार, सुपर्ण कुमार आदि भवनवासी देव भी आ आकर भगवान को भक्तिपूर्वक वन्दना करते हैं। ____ व्यन्तर जाति के देव भी चित्र विचित्र प्रकार के वस्त्र आभूषण पहने, मन इच्छित तरह-तरह के रूप धारण किये, भगवान की वन्दना करते हैं। ___ इसी समय ज्योतिष्क जाति के सूर्य-चन्द्र-मंगल-वृहस्पति आदि देव भी आकर उपस्थित हुए। उनका वर्ण स्वर्ण के समान दीप्तिमान था। उनके मुकुट में उनके विशेष चिन्ह अंकित थे। ___ बारह देवलोकों के अधिपति दस इन्द्र भी आये, जो अपने-अपने दिव्य परिधानों के साथ विविध आभूषण पहने हुए थे। उनके मुकुटों में हरिण-महिष-अश्व-बकरा आदि के विविध चिन्ह अंकित थे।
इस प्रकार चार जाति के देवों के अधिपति भक्तिभाव पूर्वक श्रमण भगवान महावीर की वन्दना करते हैं। फिर अपना-अपना परिचय देकर पर्युपासना करते हैं।
-सूत्र ३३-३७ FOUR TYPES OF GODS ARRIVE TO PAY HOMAGE When Shraman Bhagavan Mahavir was in Champa, Asur Kumar gods came to pay homage. They had a dark complexion having a gleam like that of black and blue sapphire. Their necks, arms and other parts were adorned with ornaments including necklaces. Their crowns carried beautiful identifying crests in the form of Chudamani. Garlands of all season flowers dangled from their necks to knees. With devotion they paid homage to Bhagavan. In the same way other Bhavan-vasi gods including Naag-kumar and Suparn-kumar also came and paid homage to Bhagavan with devotion.
Vaan-vyantar (interstitial) gods, dressed in strange colourful garbs and ornaments also appeared in their desired forms and paid homage to Bhagavan.
Also appeared the stellar gods including the sun, the moon, Mars, and Jupiter. There complexion was brilliant like gold. They too had identifying crests on their crowns.
Ten overlords (Indras) of twelve divine realms also visited. They were wearing their divine garments and a variety of ornaments. Their crowns carried the identifying signs of deer, buffalo, horse, goat, etc.
Thus the overlords of four types of gods paid homage to Shraman Bhagavan Mahavir with all devotion. Then they introduced themselves and commenced worship.
-Sutra 33-37
*
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org