________________
" अट्टस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पण्णत्ता। तं जहा-१. कंदणया, २. सोयणया, ३. तिप्पणया, ४. विलवणया।
(ii) रौद्रध्यान-रुद्दज्झाणे चउव्विहे पण्णत्ते। तं जहा-१. हिंसाणुबंधी, २. मोसाणुबंधी, ३. तेणाणुबंधी, ४. सारक्खणाणुबंधी।
रुदस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पण्णत्ता। तं जहा-१. उसण्णदोसे, २. बहुदोसे, ३. अण्णाणदोसे, ४. आमरणंतदोसे।
(iii) धर्मध्यान-धम्मज्झाणे चउबिहे चउप्पडोयारे पण्णत्ते। तं जहा१. आणाविजए, २. अवायविजए, ३. विवागविजए, ४. संठाणविजए।
धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पण्णत्ता। तं जहा-१. आणारुई, २. णिसग्गरुई, ३. उवस्सरुई, ४. सुत्तरुई। ___ धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि आलंबणा पण्णत्ता। तं जहा-१. वायणा, २. पुच्छणा,
३. परियट्टणा, ४. धम्मकहा। ___ धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि अणुप्पेहाओ पण्णत्ताओ। तं जहा–१. अणिच्चाणुप्पेहा, २. असरणाणुप्पेहा, ३. एगत्ताणुप्पेहा, ४. संसाराणुप्पेहा।
(iv) शुक्लध्यान-सुक्कज्झाणे चउबिहे चउप्पडोयारे पण्णत्ते। तं जहा१. पुहुत्तवियक्के सवियारी, २. एगत्तवियक्के अवियारी, ३. सुहुमकिरिए अप्पडिवाई, Fo४. समुच्छिन्नकिरिए अणियट्ठी।
सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पण्णत्ता। तं जहा-१. विवेगे, २. विउस्सग्गे, ३. अव्वहे, ४. असम्मोहे। ॐ सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि आलंबणा पण्णत्ता। तं जहा-१. खंती, २. मुत्ती,
३. अज्जवे, ४. मद्दवे। ___ सुक्कस्स झाणस्स चत्तारि अणुप्पेहाओ पण्णत्ताओ। तं जहा-१. अवायाणुप्पेहा, २. असुभाणुप्पेहा, ३. अणंतवत्तियाणुप्पेहा, ४. विपरिणामाणुप्पेहा। से तं झाणे।
३०. (ड) ध्यान का स्वरूप क्या है ?
समवसरण अधिकार
(109)
Samavasaran Adhikar
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org