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the use of tasty and desirable things. (5) Kayaklesh or to discipline o senses and undergo physical hardship avoiding comfortable and
luxurious living in order to prepare body for spiritual practices.
(6) Pratisamlinata or to hold back and limit internal (of mind) as a well as external (of body) efforts. (१) अनशन तप
३०. (ख) से किं तं अणसणे ? अणसणे दुविहे पण्णत्ते। तं जहा-१. इत्तरिए य, २. आवकहिए य। से किं तं इत्तरिए ?
अणेगविहे पण्णत्ते। तं जहा-१. चउत्थभत्ते, २. छट्ठभत्ते, ३. अट्ठमभत्ते, ४. दसमभत्ते, ५. बारसभत्ते, ६. चउद्दसभत्ते, ७. सोलसभत्ते, ८. अद्धमासिए भत्ते, ९. मासिए भत्ते, १०. दोमासिए भत्ते, ११. तेमासिए भत्ते, १२. चउमासिए भत्ते, १३. पंचमासिए भत्ते, १४. छम्मासिए भत्ते, से तं इत्तरिए।
से किं तं आवकहिए? आवकहिए दुविहे पण्णत्ते। तं जहा-१. पाओवगमणे य, २. भत्तपच्चक्खाणे य। से किं तं पाओवगमणे ?
पाओवगमणे दुविहे पण्णत्ते। तं जहा-१. वाघाइमे य, २. निव्वाघाइमे य नियमा * अप्पडिकम्मे। से तं पाओवगमणे।
से किं तं भत्तपच्चक्खाणे ? __ भत्तपच्चक्खाणे दुविहे पण्णत्ते। तं जहा-१. वाघाइमे य, २. निव्वाघाइमे य णियमा सपडिकम्मे। से तं भत्तपच्चक्खाणे, से तं अणसणे। ___३०. (ख) अनशन तप क्या है-कितने प्रकार का है ?
अनशन तप दो प्रकार का है-१. इत्वरिक-मर्यादित समय के लिए आहार का त्याग। २. यावत्कथिक-जीवनभर के लिए आहार-त्याग।
इत्वरिक तप क्या है-कितने प्रकार का है ?
इत्वरिक तप अनेक प्रकार का है, जैसे-(१) चतुर्थ भक्त-एक दिन-रात के लिए आहार ॐ का त्याग-उपवास, (२) षष्ठ भक्त-निरन्तर दो उपवास-बेला, (३) अष्टम भक्त-तीन
समवसरण अधिकार
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Samavasaran Adhikar
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