________________ स्वर्ग नहीं है पृथ्वी जल मध्यका नर्क नहीं है सम्यकज्ञान आकाश वायसे जीव नहीं है। चारत्रि रोम छिद्र मोने के भाग में निर्मित स्वा बौधि श्वासोच्छवामादि पच महाभत से निर्मित मानव शरीर अमनुभाववादी, अण्डे के ऊपरी चांदी के भाग अभाग से निर्मित स्वर्गमी निर्षितपश्वी अण्ड क मध्य भाग म निर्मित आकाशव आठी दिशा अण्डे के गर्भ से उत्पन्न सूर्य सचिा प धमनियों से निर्मित नदिया वेष्ठन में निर्मित पहाड़ अण्ड के नीचे की भाया से निर्पित पृथ्वी IIIustrated पील वेष्ठन से निर्मित मेघ और तुधार पापविजापविम नाव कर्यरत परिग्रहालय श्री अ आमवादित चीवच्यापति पतिसमका छहलाकि पीला सर्व पावैजनाफाम विमान मनुष्यगति शीच Pra भाव Shri A नियंत्रगति नाकात Jall E n terna Relea fechase any Einelibrary.org