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३२. जैसे रथिकों में महारथी राजा श्रेष्ठ होता है, उसी प्रकार समस्त व्रतों में ब्रह्मचर्यव्रत सर्वश्रेष्ठ है। (श्री सूत्र कृतांग सूत्र के छठे अध्ययन में भगवान के लिए जो उपमाऐं दी गई हैं, उसमें से कई उपमाऐं यहां ब्रह्मचर्य के लिए दी गई हैं और शुरू में ही 'बभं भगवंतं' बताकर शास्त्रकार ने ब्रह्मचर्य को भगवान बताया है। इससे ये कितना महान है इसकी प्रतिति होती है)
इस प्रकार एक ब्रह्मचर्य की आराधना करने पर अनेक गुण स्वतः अधीन - प्राप्त हो जाते हैं। ब्रह्मचर्यव्रत के पालन करने पर निर्ग्रन्थ प्रव्रज्या सम्बन्धी सम्पूर्ण व्रत अखण्ड रूप से पालित हो जाते हैं, तथा - शील, तप, विनय, संयम, क्षमा, गुप्ति, मुक्ति और इसी प्रकार इहलोक और परलोक सम्बन्धी यश और कीर्ति ब्रह्मचर्य व्रत प्रभाव प्राप्त हो जाती है। लोगों में प्रतीति होती है अर्थात् ब्रह्मचारी पर सबका विश्वास होता है। अतएव एकाग्र स्थिरचित्त से तीन करण और तीन योग से विशुद्ध-सर्वथा निर्दोष ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और वह भी जीवनपर्यन्त, मृत्यु के आगमन तक। इस प्रकार भगवान महावीर ने ब्रह्मचर्यव्रत का कथन किया है।
142. Chastity with noble attributes is illustrated in thirty two ways. They are as follows:
(1) Just as moon is prominent among planets, constellations and stars, the vow of chastity is most important among all vows.
(2) Just as sea is most important among places (sources) that produce precious stones, pearls, rocks, coral and jewels, vow of chastity is the best source of all vows.
(3) Just as Vaidurya (catseye) is best among precious stones chastity as best among the vows.
(4) It is like the crown among ornaments.
(5) It is like a dress of cotton among all dresses.
(6) Chastity is most important like crown among ornaments.
(7) Chastity is like lotus, the best among flower.
(8) Just as Himvaan mountain is the producer of medicinal herbs, similarly chastity is the source of all other vows.
(9) Just as Sitoda (and Sita) river is most important among rivers the vow of chastity is most important among vows.
(10) Brahmcharya is great among vows just as Svayamburaman seas is among all the seas.
(11) Just as Ruchakvar mountain is most important among all the mountains, vow of chastity is among all the vows.
श्रु.२, चतुर्थ अध्ययन : ब्रह्मचर्य संवर
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Sh. 2, Fourth Chapter: Chastity Samvar
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