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ॐ सुशोभित, सुरक्षित होने के कारण भयरहित स्थिर लोगों के निवास वाली, एकच्छत्र समुद्र पर्यन्त पृथ्वी ॥ ॐ का उपभोग करके वे चक्रवर्ती बने हैं।
84. Their Kingdoms extends upto the sea in Bharat continent. It includes thousands of mountains, cities, corporations, districts, important cities, harbours, suchlike colonies, villages, cantonments, ports and trade centres. Since the people are well protected they permanently live there without any fear. The Chakravarti enjoys the prosperity of such a large area. चक्रवर्ती नरेन्द्र के विशेषण SPECIAL CHARACTERISTICS OF CHAKRAVARTI
८५. [क ] णरसीहा णरवई परिंदा णरवसहा मरुयवसहकप्पा अन्भहियं रायतेयलच्छीए दिप्पमाणा # सोमा रायसतिलगा।
८५. (क) वे मनुष्यों में सिंह के समान शूरवीर होते हैं, जो नरपति हैं, नरेन्द्र हैं-मनुष्यों में सर्वाधिक ऐश्वर्यशाली हैं, जो नर-वृषभ हैं-वृषभ के समान सामर्थ्यवान् हैं, अत्यधिक राज-तेज रूपी ॐ लक्ष्मी-वैभव से देदीप्यमान हैं, जो सौम्य-शान्त एवं नीरोग हैं, राजवंशों में तिलक के समान श्रेष्ठ हैं।
85. (a) A Chakravarti is as bold as lion. He is the master of human beings. He is most prosperous among the people. He is capable like a
bullock so he is also called Nar-Vrishabh. He is famous because of the 4 grandeur of his kingdom. He is quiet, peaceful and sobre. He is free from
all diseases. He is the crown mark among the royal families. चक्रवर्ती के शुभ लक्षण GOOD SIGNS OF CHAKRAVARTI
(ख) रवि-ससि-संख-वरचक्क-सोत्थिय-पडाग-जव-मच्छ-कुम्म-रहवर-भग-भवण-विमाणतुरय-तोरण-गोपुर-मणिरयण-णंदियावत्त-मुसल-णंगल-सुरइयवरकप्परुक्ख-मिगवइ-भद्दासण卐 सुरूचिथूभ-वरमउड-सरिय-कुंडल-कुंजर-वरवसह-दीव-मंदर-गरुलज्झय-इंदके उ-दप्पण+ अट्ठावय-चाव-बाण-णक्खत्त-मेह-मेहल-वीणा-जुग-छत्त-दाम-दामिणि-कमंडलु-कमल-घंटा
वरपोय-सूइ-सागर-कुमुदागर-मगर-हार-गागर-णेउर-णग-णगर-वइर-किण्णर-मयूरॐ वररायहंस-सारस-चकोर-चक्कवाग-मिहुण-चामर-खेडग-पच्चीसग-विपंचि-वरतालियंट+ सिरियाभिसे य-मे इणि-खग्गं-कु स-विमल-कलस-भिंगार-वद्धमाणग-पसत्थउत्तमविभत्तवरपुरिसलक्खणधरा।
(ख) (चक्रवर्ती इन शुभ लक्षणों से शोभित होते हैं-) सूर्य, चन्द्र, शंख, चक्र, स्वस्तिक, पताका, गौ, 9 मत्स्य, कछुवा, उत्तम रथ, योनि, भवन, विमान, अश्व, तोरण, नगरद्वार, चन्द्रकान्त आदि मणि, रत्न, ॐ नंद्यावर्त्त-नौ कोणों वाला स्वस्तिक, मूसल, हल, सुन्दर कल्पवृक्ष, सिंह, भद्रासन, सुरुचि नामक
आभूषण, स्तूप, सुन्दर मुकुट, मुक्तावली हार, कुण्डल, हाथी, उत्तम बैल, द्वीप, मेरु पर्वत या घर, गरुड़, ॐ ध्वजा, इन्द्रकेतु-इन्द्रमहोत्सव में गाड़ा जाने वाला स्तम्भ, दर्पण, अष्टापद-वह फलक या पट जिस पर
kkkkhhh5岁%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%
श्री प्रश्नव्याकरण सूत्र
(188)
Shri Prashna Vyakaran Sutra
在听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听。
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