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चित्र परिचय-३ ।
Illustration No.3 चौपायों के पाँवों की चतुर्विध रचना (१) एक खुर वाले पशु, जैसे घोड़ा आदि। इनके पाँव का तलभाग एक खुरा होता है। (२) दो खुर वाले पशु गाय आदि। इनके पाँव का तलभाग बीच में से छिदा हुआ होता है। (३) गण्डीपद-जिनका पंजा कठोर चर्ममय होता है, जैसे हाथी का पंजा। (४) स-नख पद-लम्बे तीखे नाखूनों वाला पंजा, जैसे शेर आदि का।
-स्थान ४, सूत्र ५५० चार प्रकार के पक्षी (१) चर्म पक्षी-चमड़े के पंखों वाले, जैसे चमगादड़ आदि। (२) रोम पक्षी-रोम मय पंखों वाले, जैसे हंस आदि। (३) समुद्ग पक्षी-पेटी की तरह जिसके पंख खुलते बन्द होते हैं, जैसे शुतुरमुर्ग। (४) वितत पक्षी-जिसके पंख सदा फैले रहते हों, जैसे-भारंड पक्षी।
-स्थान ४, सूत्र ५५१ FOUR STRUCTURES OF ANIMAL FEET (1) Animals with single hoof-horse, donkey etc. (2) Animals with two hooves or split hoof-cow, buffalo, lamb, goat etc.
(3) Animals with large round anvil shaped feet with hard skinelephant, camel, rhinocerous etc. (4) Animals with long sharp claws-lion, leopard, dog, cat etc.
--Sthaan 4, Sutra 550 FOUR KINDS OF FEATHERS OF BIRDS (1) Charmapakshi-having wings of skin like a bat. (2) Romepakshi-having fibrous or feathery wings like a swan.
(3) Samudgpakshi-having wings that open close like a box like an ostrich.
(4) Vitatpakshi-having wings that remain spread always like a Bharand bird.
--Sthaan 4, Sutra 551
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