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Illustration No. 2
| चित्र परिचय-२ |
- चार प्रकार के गोलक (गोला) १. मोम का गोला-सबसे अधिक मुलायम होता है, और ताप लगते ही पिघल जाता है।
लाख का गोला-मोम की अपेक्षा कुछ कठोर, ताप लगने पर धीरे-धीरे पिघलता है। लकड़ी का गोला-दोनों की अपेक्षा अधिक कठोर, ताप सहने में कुछ अधिक सक्षम। मिट्टी का गोला-आग में पकने पर कठोरतर हो जाता है। २. लोहे का गोला-वजन में भारी, किन्तु ताप सहने में अधिक सामर्थ्य रखता है।
राँगे का गोला-लोहे की अपेक्षा अधिक भारी, किन्तु ताप सहने में कमजोर। ताँबे का गोला-वजन में उससे अधिक भारी, किन्तु ताप सहने में पूर्वापेक्षा कमजोर। शीशे का गोला-वजन में उन सबसे भारी, किन्तु ताप सहने में सबसे कमजोर। ताप लगने पर ये एक दूसरे से जल्दी-जल्दी पिघल जाते हैं। हिरण्य गोला-चाँदी का गोला; भार व मूल्य में सामान्य। सोने का गोला-भार व मूल्य में उससे अधिक श्रेष्ठ। रत्न-गोला-भार व मूल्य में उक्त दोनों से अधिक श्रेष्ठ। वज रत्न-गोला-भार में सर्वाधिक और मूल्य में भी सर्वाधिक श्रेष्ठ।
-सूत्र ५४५-४६-४७
४. असिपत्र-तलवार का अन्तिम धारदार सिरा अति तीक्ष्ण होता है।
करपत्र-करोंत में तलवार की अपेक्षा छेदन शक्ति कम होती है। क्षुरपत्र (छुरा)-छेदन शक्ति में करोंत से भी कमजोर होता है। कदम्बचीरिका (तीखी नोंक वाला घास का पत्ता)-इसकी धार पूर्वोक्त तीनों से भी अल्प होती है।
-स्थान ४, सूत्र ५४८ FOUR STRUCTURE OF BALL (1) Ball of wax-softest of all and melts at once on heating. (2) Ball of shellac-harder than wax and melts slowly on heating. (3) Ball of wood-harder than the preceding two and with a higher melting point. (4) Ball of fired clay-becomes harder when fired. (1) Ball of iron-high density and with high melting point. (2) Ball of tin-higher density than iron but with lower melting point. (3) Ball of copper-still higher density but with much lower melting point. (4) Ball of lead-highest density among the four and with lowest melting point. (1) Ball of silver-ordinary in weight and price. (2) Ball of gold-comparatively heavy in weight and higher in price. (3) Ball of gems-still heavy in weight (than the aforesaid two) and still higher in price. (4) Ball of diamond-heaviest in weight and highest in price among the four.
-Sthaan 4, Sutra 545 to 547
PATRA 4. (1) Asipatra-edge of a sword is very sharp.
(2) Karapatra-edge of a saw-blade is less sharp as compared to that of a sword. (3) Kshurapatra-edge of a razor is less sharpas conapared to that of a saw blade. (4) Kadamb-chirika patra-grass-like blunt edge is least sharp among the four.
-Sthaan 4, Sutra 548
ROPRDIEORIGITORYHORTHANKORMAORMAOAVAAVAORVAORVAORMAORTAORMAORYAORADIAORTARVAOraonmammimomromanwromwomamta
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