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23. A being indulging in harming or killing of five sensed beings has ten kinds of indiscipline-That related to terminating the pleasure derived through and enforcing the misery experienced through
(1,2) shrotrendriya (sense organ of hearing), (3,4) chakshurindriya f (sense organ of seeing). (5,6) ghranendriya (sense organ of smell), fi (7,8) rasanendriya (sense organ of taste) and (9,10) sparshendriya (sense fi organ of touch).
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। सूक्ष्म-पद SUKSHMA-PAD (SEGMENT OF MINUTES)
२४. दस सुहुमा पण्णत्ता, तं जहा-पाणसुहुमे, पणगसुहुमे, (बीयसुहुमे, हरितसुहुमे, पुप्फसुहुमे, अंडसुहुमे, लेणसुहुमे), सिणेहसुहुमे, गणियसुहुमे, भंगसुहुमे।
२४. सूक्ष्म दस प्रकार के हैं। जैसे-(१) प्राण-सूक्ष्म-कुन्थुआदि सूक्ष्मजीव, (२) पनक-सूक्ष्म-काई आदि, (३) बीज-सूक्ष्म-धान्य आदि का अग्रभाग, (४) हरितसूक्ष्म-हरे रंग के सूक्ष्मतृण आदि, 2 (५) पुष्प-सूक्ष्म-वट आदि के पुष्प, (६) अण्डसूक्ष्म-चींटी आदि के अण्डे, (७) लयनसूक्ष्म-कीड़ीनगरा, । (८) स्नेहसूक्ष्म-ओस आदि, (९) गणितसूक्ष्म-कुशाग्रबुद्धि से समझने योग्य गणित सम्बन्धी प्रश्न, । (१०) भंगसूक्ष्म-कुशाग्रबुद्धि से समझने योग्य विभिन्न विकल्प।
24. Sukshma (minutes) are of ten kinds—(1) prana-sukshma (minute F insects like kunthu), (2) panak-sukshma (lichen or moss), (3) beejh sukshma (tip of a cereal), (4) harit-sukshma (minute green grass), A (5) pushp-sukshma (minute flowers, like those of banyan tree), (6) anda
sukshma (minute eggs of ants and other insects), (7) layan-sukshma 7 (anthill), (8) sneh-sukshma (dew etc.), (9) ganit-sukshma (subtle fi mathematical questions requiring sharp wit to understand) and
(10) bhang-sukshma (subtle divisions and alternatives requiring sharp wit to understand). महानदी-पद MAHANADI-PAD (SEGMENT OF GREAT RIVERS)
२५. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं गंगा-सिंधु-महाणदीओ दस महाणदीओ । समप्पेंति, तं जहा-जउणा, सरऊ, आवी, कोसी, मही, सतद्दू, वितत्था, विभासा, एरावती, चंदभागा।
२५. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के दक्षिण में गंगा (नेपाल के पूर्व भाग में) सिन्धु - (कैलाश पर्वत से उद्गम) महानदी में दश महानदियाँ मिलती हैं-(१) यमुना (हिमालय से), (२) सरयू
(घाघरा-घग्घर) (३) आवी (राप्ती-उद्गम नेपाल की पर्वतमाला से) (४) कोशी (नेपाल के पूर्व भाग 2 में), (५) मही (बिहार पटना के पास), (६) शतद्रु (सतलज-पंजाब में) (७) वितस्ता (झेलम),
(८) विपाशा (व्यास), (९) ऐरावती (रावी), (१०) चन्द्रभागा (चिनाब)। (इनमें से प्रथम पाँच गंगा में । तथा शेष पाँच सिन्धु में मिलती हैं)।
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