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५२४. पुरुष चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष ज्ञान की दृष्टि से श्रेयान् (श्रेष्ठ) होता है, किन्तु आचरण की दृष्टि से श्रेयानूसदृश अर्थात् श्रेष्ठ के समान होता है; (२) कोई ज्ञान की अपेक्षा तो श्रेयान, किन्तु आचरण की अपेक्षा पापीयान् सदृश होता है; (३) कोई ज्ञान की अपेक्षा पापीयान् किन्तु आचरण की अपेक्षा श्रेयान्सदृश होता है; तथा (४) कोई कु-ज्ञान की अपेक्षा पापीयान् और कदाचरण की अपेक्षा पापीयान् सदृश होता है।
524. Purush (men) are of four kinds--(1) Some person is shreyan (noble) in terms of knowledge and shreyan-sadish (noble-like) in terms of aachar (conduct). (2) Some person is noble in terms knowledge but paapiyan-sadrish (ignoble-like) in terms of conduct. (3) Some person is ignoble in terms of knowledge and noble-like in terms of conduct. (4) Some person is ignoble in terms of knowledge and ignoble-like in terms of conduct.
५२५. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-सेयंसे णाममेगे सेयंसेत्ति मण्णति, सेयंसे ॥ णाममेगे पावंसेत्ति मण्णति, पावंसे णाममेगे सेयंसेत्ति मण्णति, पावंसे णाममेगे पावंसेत्ति मण्णति।।
५२५. पुरुष चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष श्रेष्ठ होता है और दूसरों द्वारा भी श्रेष्ठ माना जाता है; (२) कोई श्रेष्ठ होता है, किन्तु दूसरों द्वारा पापात्मा माना जाता है; (३) कोई पापात्मा होता है, # किन्तु दूसरों द्वारा श्रेष्ठ माना जाता है; तथा (४) कोई पापात्मा होता है और दूसरों द्वारा भी पापात्मा म माना जाता है। $ 525. Purush (men) are of four kinds (1) Some person is shreyan
(noble) and accepted as noble by others. (2) Some person is noble but accepted as paapiyan (ignoble) by others. (3) Some person is ignoble but accepted as noble by others. (4) Some person is ignoble but accepted as ignoble by others. ___ ५२६. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-सेयंसे णाममेगे सेयंसेत्तिसालिसए मण्णति, सेयंसे णाममेगे पावंसेत्तिसालिसए मण्णति, पावंसे णाममेगे सेयंसेत्तिसालिसए मण्णति, पावंसे णाममेगे पावंसेत्तिसालिसए मण्णति।
५२६. पुरुष चार प्रकार के होते हैं-(१) श्रेयान्, श्रेयान्-सदृशम्मन्य-कोई पुरुष श्रेष्ठ होता है और लोगों द्वारा श्रेष्ठ के समान माना जाता है; (२) श्रेयान् और पापीयान्-सदृशम्मन्य-कोई श्रेष्ठ होता है, किन्तु पापात्मा के समान माना जाता है; (३) कोई पापात्मा होता है, किन्तु श्रेष्ठ के समान माना जाता है;
तथा (४) कोई पापात्मा होता है और पापात्मा के समान ही माना जाता है। : 526. Purush (men) are of four kinds-(1) Some person is shreyan
(noble) and is accepted as shreyan-sadrish (noble-like) by others. (2) Some 卐 person is noble but accepted as paapiyan-sadrish (ignoble-like) by others.
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नागाना
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चतुर्थ स्थान : चतुर्थ उद्देशक
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Fourth Sthaan : Fourth Lesson
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