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4 (1,2) chakshurindriya (sense organ of seeing). (3,4) ghranendriya 卐 (sense organ of smell), (5,6) rasanendriya (sense organ of taste) and 卐 (7,8) sparshendriya (sense organ of touch). म सूक्ष्म-पद SUKSHMA-PAD (SEGMENT OF MINUTE)
३५. अट्ठ सुहुमा पण्णत्ता, तं जहा-पाणसुहुमे, पणगसुहुमे, बीयसुहुमे, हरितसुहुमे, पुप्फसुहुमे, अंडसुहुमे, लेणसुहुमे, सिणेहसुहुमे। ___ ३५. सूक्ष्म जीव आठ प्रकार के हैं। जैसे-(१) प्राणसूक्ष्म-कुन्थु आदि प्राणी, (२) पनकसूक्ष्म-है लीलन-फूलन आदि, (३) बीजसूक्ष्म-धान आदि के बीज के मुख-मूल की कणी आदि जिसे तुष-मुख
कहते हैं। (४) हरितसूक्ष्म-एकदम नवीन उत्पन्न हरित काय जो पृथ्वी के समान वर्ण वाला होता है। 卐 (५) पुष्पसूक्ष्म-वट-पीपल आदि के सूक्ष्म पुष्प। (६) अण्डसूक्ष्म-मक्षिका, पिपीलिकादि के अति सूक्ष्म
अण्डे। (७) लयनसूक्ष्म-कीड़ीनगरा चीटियों की बाम्बी आदि। (८) स्नेहसूक्ष्म-ओस, हिम आदि जलकाय 卐 के सूक्ष्म जीव। 4. 35. Sukshma jiva (minute beings) are of seven kinds——(1) pranॐ sukshma-like minute insects, (2) panak-sukshma-like moss, (3) beej.
sukshma-like tip of grain seed, (4) harit-sukshma-like lichen, + (5) pushp-sukshma-like minute flowers of banyan tree, (6) anda
sukshma--like minute eggs of insects like fly, (7) layan-sukshma-like anthill and (8) sneha-sukshma-like minute water-bodied beings in dew and snow. भरतचक्रवर्ती-पद BHARAT CHAKRAVARTI-PAD
(SEGMENT OF BHARAT CHAKRAVARTI) ३६. भरहस्स णं रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स अट्ठ पुरिसजुगाइं अणुबद्धं सिद्धाइं (बुद्धाइं मुत्ताई के अंतगडाइं परिणिबुडाई) सव्वदुक्खप्पहीणाई, तं जहा-आदिच्यजसे, महाजसे, अतिबले, महाबले, तेयवीरिए, कत्तवीरिए, दंडवीरिए, जलवीरिए।
३६. चातुरन्त चक्रवर्ती राजा के क्रमबद्ध आठ उत्तराधिकारी पुरुष-युग राजा लगातार सिद्ध, + बुद्ध, मुक्त, परिनिवृत्त और समस्त दुःखों से रहित हुए। जैसे-(१) आदित्ययश, (२) महायश, (३) अतिबल, (४) महाबल, (५) तेजोवीर्य, (६) कार्तवीर्य, (७) दण्डवीर्य, (८) जलवीर्य।
36. Eight progressive successor rulers of Chakravarti Bharat became perfect (Siddha), enlightened (buddha), liberated (mukta), free of
cyclic rebirth (parinivrit), and ended all miseries in succession4 (1) Adityayash, (2) Mahayash, (3) Atibal, (4) Mahabal, (5) Tejovirya, $ (6) Kartavirya, (7) Dandavirya and (8) Jalavirya.
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| अष्टम स्थान
(377)
Eighth Sthaan
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