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(Answer) Gautam ! A jati-ashivish mendhak can harm bodies living 4 in the whole area of Bharat. Its venom is as strong as that but it did not, 4 41 does not and will not ever employ all that strength.
(Question) Bhagavan ! How strong is the venom of jati-ashivish sarp (venomous breed of snake)? ।
(Answer) Gautam ! A jati-ashivish sarp can harm bodies living in the whole area of Jambu Dveep (one hundred thousand Yojans). Its venom is as strong as that but it did not, does not and will not ever employ all that strength.
(Question) Bhagavan ! How strong is the venom of jati-ashivish manushya (venomous breed of man)?
(Answer) Gautam ! A jati-ashivish manushya can harm bodies living " in the whole area of Samaya Kshetra (fourty five hundred thousand
Yojans). Its venom is as strong as that but it did not, does not and will
not ever employ all that strength. ॐ विवेचन-आशी का अर्थ दाढ़ है। जाति अर्थात् जन्म से ही जिनकी दाढ़ों में विष होता है, उन्हें 卐 जाति-आशीविष कहा जाता है। यद्यपि वृश्चिक (बिच्छू) की पूँछ में विष होता है, किन्तु जन्म-जात
विषवाला होने से उसकी भी गणना जाति-आशीविषों के साथ की गई है। म प्रस्तुत सूत्र में जिन चार प्रकार के आशीविष जीवों के विष के सामर्थ्य का निरूपण किया है, वे
सभी जीव आगम-प्ररूपित उत्कृष्ट शरीरावगाहना वाले जानने चाहिए। मध्यम या जघन्य अवगाहना
वालों के विष में इतना सामर्थ्य नहीं होता। इसका एक भाव यह भी हो सकता है कि ये जीव इतने क्षेत्र + में ही पाये जाते हैं। इसलिए उनका क्षेत्र सूचित किया हो।
हिन्दी टीकाकार ने इन सूत्रों का स्पष्टीकरण करते हुए कहा है बिच्छू के डंक में संखिया विष होता म है। बिच्छू ने किसी को डंक मारा, उस प्राणी का शव किसी मांसाहारी जीव ने खाया तो वह भी विषाक्त
होता जायेगा। इस प्रकार परम्परा में वह विष फैलता हुआ आधे भरत क्षेत्र तक फैल सकता है। 卐 बिच्छू व उरग जाति के प्राणियों में विष होता है, यह तो सभी जानते हैं, किन्तु मनुष्य जाति के 5
दाढ़ों में इतना उग्र विष होता है, यह सर्व ज्ञात नहीं है। कहा जाता है जिस मनुष्य ने जीवनभर खटाई, 卐 मिठाई और नमक नहीं खाया हो उसके रक्त में अत्यधिक तेज विष होता है, वह कुपित होकर किसी
को काट ले तो उसके सम्पूर्ण शरीर में विष व्याप्त हो जायेगा। विषैले जीव भी मनुष्य को काटने से मर
जाते हैं। मनुष्य के विष का प्रभाव सम्पूर्ण मनुष्य क्षेत्र तक व्याप्त हो सकता है। साथ ही शास्त्रकार यह ॐ भी कहते हैं कि उनके विष में इतनी शक्ति तो है, परन्तु आज तक ऐसा किसी प्राणी ने प्रयोग नहीं
किया। (हिन्दी टीका भाग १ पृष्ठ १०२५) 4 Elaboration-Ashi means molar teeth. Jati-ashivish are beings having 4 venomous teeth or fangs by birth. Although scorpion has poison in its
tail it has been included here because it is also poisonous by birth.
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चतुर्थ स्थान : चतुर्थ उद्देशक
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Fourth Sthaan : Fourth Lesson 牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙
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